Premium Only Content
Ramayani Sadhna Satsang Bhag-5
परम पूज्य डॉक्टर श्री विश्वामित्र जी महाराज जी के मुखारविंद से
((1130))
*रामायणी साधना सत्संग*
*भाग-५*
*वाल्मीकि रामायण से यदि पूर्ण लाभ लेना चाहते हो अपने मन का एकाकार कर दो रामायण के रचयिता के साथ, स्वामी जी महाराज के साथ ।*
वक्ता एवं श्रोता की मनोस्थिति यदि एक नहीं है, तो बहुत बारीक बातें जो है वह कभी समझ में नहीं आ पाएंगी । स्वामी जी महाराज की रचनाओं को सूक्ष्म ढंग से देखना चाहते हो, तो अपनी मनोवृति स्वामी जी महाराज जैसी करो, तो फिर देखो । अपने मन को स्वामी जी महाराज के मन के साथ मिलाकर देखो, तो वह चीजें भी आपको वह समझाएंगें, जो उन्होंने नहीं लिख रखी हैं । जिन्हें कहा जाता है in between lines, जो नहीं लिखा गया है स्वामी जी महाराज वह भी आपको समझाएंगे ।
कब ? जब एक श्रोता एक पढ़ने वाले की, एक शिष्य की मन:स्थिति स्वामी जी महाराज जैसी हो जाए । जब वह अपनी मन स्थिति इस प्रकार की कर ले । देवियों सज्जनों इस रामायण, वाल्मीकि रामायण से यदि पूर्ण लाभ लेना चाहते हो अपने मन का एकाकार कर दो रामायण के रचयिता के साथ, स्वामी जी महाराज के साथ । आपको बहुत कुछ अपने आप समझ आने लग जाएगा । आप कभी रामायण पढ़ कर कभी ऊबोगे ही नहीं, यह पहले पढ़ा हुआ है । हर पृष्ठ पर आपको कोई ना कोई नई चीज नित्य मिलती रहेगी । करके देखिएगा ।
आगे बढ़ते हैं । महर्षि वाल्मीकि के बारे में स्वामी जी महाराज ने थोड़ा यहां भिन्न लिखा है । जो कथा हम महर्षि वाल्मीकि की जानते हैं, वह स्वामी जी महाराज ने यहां नहीं लिखी, कहीं और चर्चा करी है । प्रवचन पीयूष पढ़ें तो उसमें स्वामी जी महाराज ने चर्चा करी हुई है, की यह एक लुटेरा था, ठग था इत्यादि इत्यादि । आज उसी चर्चा को पुन: आपकी सेवा में दोहराता हूं । इसलिए नहीं के आप इसे जानते नहीं, आप इस कहानी को बहुत अच्छी तरह से जानते हैं। बच्चा बच्चा इस कहानी को जानता है । लेकिन जानने का क्या फायदा, यदि हमारे जीवन में उतरी नहीं । अभी तक वह प्रभाव तो तनिक भी दिखाई नहीं देता । हम तो वैसे ही, जो गलती वाल्मीकि ने करी थी, वह गलती हम नित्य निरंतर करते आ रहे हैं ।
उस गलती से हम अभी तक बाज नहीं आए। वही अत्याचार, अन्याय जो वाल्मीकि अपने परिवार के लिए किया करता था, वही हम नित्य करते हैं । इसलिए मैं समझता हूं उस कहानी को पुन: दोहराने की आवश्यकता है । आइए सुने वह कहानी क्या है ?
रत्नाकर नाम का एक डाकू है, लुटेरा है, हत्यारा है, शिकारी है । बहुत अच्छी जाति का व्यक्ति नहीं है यह । यही काम है ।
आते जातो को लूटता है, ठगता है । आवश्यकता पड़े तो उनकी हत्या तक भी कर देता है । मारपीट करना तो इसके लिए बहुत बड़ी बात नहीं है । आज ना जाने किस जन्म का कोई पुण्य उदय हुआ है, किसी संत महात्मा का जीवन में आगमन हो गया । परमेश्वर की कृपा होती है, संतो महात्माओं की अपनी कृपा होती है, तब जाकर बेशक लोग कहे कोई हमारा पिछले जन्म का पुण्य होगा, वह कौन जानता है ? पर संतों महात्माओं की कृपा, परमेश्वर की कृपा तो स्पष्ट दिखाई देती है, तभी संतों का जीवन में आगमन होता है, मिलन होता है, प्रथम दर्शन होता है । उसके बाद सत्संग होता है और सत्संग के बाद वह जीवन की दिशा आपकी बदल कर रख देते हैं ।
महर्षि वाल्मीकि के साथ भी ऐसा ही हुआ है। किसी किसी स्थान पर आता है महर्षि वाल्मीकि को सप्त ऋषि मिलते हैं । कहीं पर वर्णन आता है, नहीं, देवर्षि नारद मिलते हैं। जो भी हैं कोई मिलते हैं । देवर्षि नारद स्वामी जी महाराज ने लिखा है, आप यही मान लीजिएगा देवर्षि नारद उन्हें मिलते है । वह अपने स्वभाव के अनुसार उन्हें लूटना चाहते हैं । क्या है देवर्षि नारद के पास ? कमंडल, वीणा इत्यादि, क्या लूटना है । पर वह लूटना चाहते हैं, स्वभाव से मजबूर है रत्नाकर । जो भी उसे मिलता है, वह लूटे बिना उसे रह नहीं सकता । इसलिए देवर्षि नारद को भी लूटने जा रहे हैं ।
लूटो, देवर्षि नारद मन ही मन कहते हैं ।
मैं लूटेरा हूं, मैं तुम्हें लूटूगा । देवर्षि नारद कहते हैं मैं लुटाने के लिए ही तो आया हूं, तू लूटने वाला बन । मेरे पास राम नाम है ।
मैं लुटाने के लिए आया हूं । लूट, जितना लूटना चाहता है तू । मन ही मन देवर्षि नारद मुस्कुरा रहे हैं । पर भाई एक बात बता मेरे पास तो इतना कुछ लुटाने वाला है नहीं, यह कमंडल है, यह वीणा है, इस को लूट कर क्या करेगा । एक तारा इस तरह बजाने वाला, इस को लूट कर क्या करेगा ? मेरे बैग में कुछ और नहीं है, खाली है बिल्कुल, मेरे पास से क्या लेगा ?
पर यह तेरा कर्म तो पाप है । चाहे एक पैसे की चोरी है, चाहे एक करोड़ रुपए की चोरी है । चोरी तो चोरी है । पाप कर्म है यह तेरा। चाहे तू मुझे मेरे पास कुछ नहीं है, तू मेरे को लूटने वाला है, या किसी लखपति, करोड़पति को लूटने वाला है, है तो लूट ही। और यह पाप कर्म है । जानते हो इस पाप कर्म का क्या दंड मिलेगा ? तुम्हें नरक में सड़ना पड़ेगा, गलना पड़ेगा । और तू यह सब कुछ किन के लिए करता है, अपने मां-बाप के लिए । घर में कौन-कौन है तेरे ?
मेरे मां-बाप है, मेरी पत्नी है । जा, जाकर उनसे पूछ कर तो आ एक बार । ओह ! बड़े होशियार हो । मानो मुझे घर भेज कर तो स्वयं खिसक जाओगे । नहीं, मैं कहीं नहीं जाऊंगा । मैं तो मुक्त आदमी हूं भाई । मुझे कुछ ऐसा नहीं है । पर तू मुझे बांधना चाहता है तो बांध ले । मैं बंधने के लिए तैयार हूं । रत्नाकर देवर्षि नारद को बांध कर चले जाते हैं । मुस्कुराते हैं, एक मुक्त को कौन बांध सकता है ? लेकिन यह मूर्ख आदमी है । यह मुझे बांध गया है । ठीक बात है ।
घर जाकर रत्नाकर पूछते हैं सर्वप्रथम अपनी पत्नी से-
जब से तेरी शादी हुई है, क्या तुझे पता है की मैं किस प्रकार का धन तेरे पास लाता हूं । नहीं । जानना भी नहीं चाहती हो ? नहीं, यह मेरा काम नहीं है । पत्नी का धर्म यही है जो कुछ भी तू लाकर दे उससे तेरी सेवा की जाए, उससे सामग्री इत्यादि मंगवा कर, अनाज इत्यादि मंगवा कर, खाना बनाकर तुझे दिया जाए । यह उसका सरोकार नहीं है पैसा कहां से आ रहा है, कैसे आ रहा है, किस प्रकार का पैसा है । यह मेरा सरोकार नहीं है । मैं अनपढ़ हूं । मैं इन चीजों को जानती नहीं हूं । मुझे इन चीजों का बोध
नहीं । तू जैसे मर्जी ला । यह तेरा कर्तव्य बनता है, मेरा पालन-पोषण करना, और मेरा कर्तव्य बनता है तेरी सेवा करना ।
मैं कर रही हूं । तू कैसे कर रहा है यह तू जान, तेरा काम जाने ।
क्या अर्थ है इसका ?
यदि पाप की कमाई घर में आती है तो तू मेरी हिस्सेदार नहीं ? नहीं, बिल्कुल नहीं ।
पत्नी ने साफ इंकार कर दिया ।
अब तेरा कर्तव्य बनता है । मैंने अपना पितृ धर्म जो है वह निभा दिया, अब तेरा पुत्र धर्म जो है वह तू निभा कैसे निभाएगा, यह मेरा सरोकार नहीं है । मैंने तुझे नहीं बताया कि मैंने तेरा कैसे पालन पोषण किया है । मैंने अपना कर्तव्य कर्म तेरा किस कमाई से किया है, मैंने तुझे नहीं बताया और मैं यह भी नहीं जानना चाहता कि तू किस प्रकार से अपना कर्तव्य निभा रहा है । तेरा जो धर्म बनता है, जो कर्तव्य बनता है, वह तू निभा । जैसा निभाएगा जैसा करेगा वैसा भरेगा । मैं उसमें हिस्सेदार बिल्कुल नहीं ।
उसी वक्त रत्नाकर एक क्षण के लिए भी घर में नहीं ठहरा । बिना कुछ कहे हुए वापस भागता भागता देवर्षि नारद के आकर चरणों में पड़ गया है । महाराज मैं तो इसे कुछ और ही समझता था । आपने तो मेरी आंखें खोल दी, मेरा कल्याण कीजिए महाराज, मेरा उद्धार कीजिएगा । मैं आपकी चरण शरण में हूं । महाराज मैं अब घर नहीं लौटने वाला । मुझे मानो घरवालों ने धक्का दे दिया है, धिक्कार दिया है मुझे, दुत्कार दिया है मुझे, ठुकरा दिया है मुझे । मैं अब घर नहीं लौटने वाला । यदि वह मेरे हिस्सेदार ही नहीं बनने वाले, तो मानो वह स्वार्थी हैं । मैं कुछ और ही समझता रहा । कुछ इस प्रकार की बातचीत थी मेरे मन में, मैं बुद्धू रहा, मैं कुछ समझ नहीं सका । आज मेरी मति ठीक हो गई है । महाराज मेरा उद्धार कीजिएगा, मुझे उपदेश दीजिएगा, मुझे अपने श्री चरणों में रख लीजिएगा ।
देवर्षि नारद उसे राम नाम की दीक्षा देते हैं। बेचारा राम, जिंदगी भर मरा मरा, मारो मारो मारो मारो, लूटो करता रहा है ।
राम शब्द ठीक ढंग से नहीं निकलता ।
देवर्षि नारद कहते हैं कोई बात नहीं तू जल्दी जल्दी मरा मरा बोलता जा, अपने आप राम-राम निकलता जाएगा । उसने रत्नाकर ने, वहीं पर बैठकर, किसी एक स्थान पर तपस्या करनी आरंभ कर दी है । इतनी तपस्या करी है, इतनी तपस्या करी है एक ही स्थान पर बैठकर, उसके ऊपर जैसे सर्प की बिंबी होती है ना, आपने देखा होगा गांव के लोग कहीं इधर उधर निकलते हैं, देखते हैं सर्प की बिंबी । आपको पता लग जाता है कि इसके अंदर सर्प रहता है । ऐसी ही बिंबी उसके ऊपर बन गई ।
वल्मीक नाम का एक कीट होता है । वह आकर उसने मिट्टी इकट्ठी कर कर कर कर कर के बिल्कुल बिंबी की शक्ल जैसी होती है, वैसी बना दी । इसी से उनका नाम महर्षि वाल्मीक पड़ गया ।
कल का रत्नाकर आज का महर्षि वाल्मीकि बन गया । वर्षा हुई । यह धुली । उसके बाद उन्होंने अपने हाथ-पांव इस प्रकार से पसारे तो उससे सुंदर महर्षि वाल्मीकि जी महाराज निकले, रत्नाकर नहीं ।
-
5:02:46
MoFio23!
7 hours agoNintendo Switch It UP Saturdays with The Fellas: LIVE - Episode #1
32K8 -
4:26:49
BLoobsGaming
6 hours agoCan I get an Enhance Crystal Weapon Seed please!? MORE Corrupted Gauntlet
67.7K15 -
LIVE
BSparksGaming
18 hours agoDynamic Duo! Marvel Rivals w/ Chili XDD
988 watching -
7:00:42
NellieBean
9 hours ago🔴 LIVE - trying some COD maybe Pals later
32.8K -
1:47:46
SpartakusLIVE
7 hours agoThe Master RIZZLER has entered the building, the 95% REJOICE
19.4K -
29:53
MYLUNCHBREAK CHANNEL PAGE
1 day agoOff Limits to the Public - Pt 1
76.4K107 -
16:03
Tundra Tactical
9 hours ago $11.78 earnedNew Age Gun Fudds
99.8K15 -
8:22
Russell Brand
13 hours agoThey want this to happen
184K387 -
2:06:43
Jewels Jones Live ®
1 day ago2025 STARTS WITH A BANG! | A Political Rendezvous - Ep. 104
101K38 -
4:20:41
Viss
13 hours ago🔴LIVE - PUBG Duo Dominance Viss w/ Spartakus
80.3K9