विज्ञान भी फेल है इनके आशिर्वाद और मंत्र शक्ति के आगे 10 September 2023

9 months ago
2

!!!!! बन्दी छोड़ सतगुरु रामपालजी भगवान की जय !!!!!
बंदी छोड़ सतगुरु रामपालजी भगवान के चरणो में दास भाग्येश और समस्त सत्सेवकों का कोटि कोटि दंडवत परनाम।
!!!!! सभी सत्सेवक भाई बहनो को दास का प्यार भरा सत् साहेब !!!!
Telegram Link -- https://t.me/saadhsangat https://t.me/+s6HoGbAV83RjNTc1
Rumble link - https://rumble.com/c/c-4029723
Face Book Link - https://www.facebook.com/bhagyeshvishwakarma
Instagram Link - https://www.instagram.com/bhagyeshvish/
Telegram Link - https://t.me/+xG10kOpyl88wNWM1 (PawanDaasIsLive)
Rumble Link - https://rumble.com/c/c-4169489 (PawanDaasIsLive)
Youtube Link - https://www.youtube.com/channel/UCO0N-8kcan3CwtfurBeiShA
Whatsapp Link - https://wa.me/qr/JBX3QXHOPYINM1
Archive Link - https://archive.org/details/@bhagyesh_vishwakarma

परमपिता परमात्मा सारी सृष्टि के रचनहार, कुलमालिक, असांख्य ब्रह्माण्डो के स्वामी, तीनो लोको प्रवेश करके सबका धारण पोषण करने वाले, राजाधिराज, आत्मा धर, नाथो के नाथ, अनादि अनादि अविनाशी, सनातनी प्रभु, देवो के देव महादेव, सर्वेश्वर, महेश्वर, अजरो अमर, मृत्युंजय , अकाल मूरत, शबद स्वरूपी राम, जगदीश्वर,
श्री श्री 1008 के उपाधि के वस्तविक अधिकारी, वासुदेव, सर्वगतब्रह्म, परमपूज्य, परमसंत, परमहंस, परमधनी, परमदयालु, प्रथमपूज्य, हक्का कबीर, सत कबीर, अल्लाहुअकबर, अल्लाह, राजाराम, आदि पुरुष, आदिराम, जगत के तारणहार, जग का मुक्तिदाता, कल्कि भाग वान, निर्विकार, असला न्यायकारी (अदली असल कबीर) सर्वव्यापक, सतपुरुष, अगम पुरुष, अनामी पुरुष, अलख पुरुष, अनाम्य पुरुष, अंतर्यामी, सर्वशक्तिमान, सर्वाधार, नित्य, तत्वदर्शी संत शिरोमणि,
बंदी छोड़ सतगुरु रामपालजी भगवान के श्री चरणों में सभी सत्सेवक दास दासियों का अनंत कोटि दंडवत प्रणाम !!!!
परमात्मा सतगुरु रामपालजी भगवान कहते हैं

साध संगति हरि भगती बिन, कोई ना उतारे पार। निर्मल आदि अनादि है, गंदा है सब संसार.. * कबीर संगत साधु की, नित प्रति कीजै जाय। दुरमति दूर बहावसी, देसी सुमति बताय॥

*************** मर्यादाएं जो भगत के लिए अति आवश्यक है****************
1) सुबह उठकर मंगलाचरण करना
2) मंगलाचरण के साथ प्रार्थना
3) प्रार्थना के बाद चरणामृत पीना (घुटने के बाल बैठ कर अति आधीनी भाव से)
4) अस्त अंग से दंडवत प्रणाम करना
5) दंडवत प्रणाम करते समय जो भी मंत्र मिले उसका जप करना
6) तीन समय की आरती मन वचन कर्म से करना (त्रिसंध्या वंदन )
7) रोज भोग लगा सको तो अवश्य लगाना भोग की छोटी आरती से (जैसा जल राम फल राम मेवा राम आदी जो भी है)
8) सप्ताह में एक बार बड़ी आरती के साथ भोग लगाना
9) महिने में एक बार साध संगति में आना (भगत मिलन समारोह (जिसमे सिर्फ परमात्मा की चर्चा की जाए))
10) परमात्मा की महिमात्मक शब्द का पठन करना (ज्ञान यज्ञ)
11) परमात्मा के प्यारे हंसो के १६ गुणों को धारण करना

*****बन्दी छोड़ सतगुरु रामपालजी भगवान की जय *****
पालन ​​करना न करना आपके बुद्धि विवेक और संस्कारो के ऊपर निर्भर करता है, जिसको सतलोक जाना है वो तो पालन कर ही लेगा।
WP 7440914911 ,
Satsewak HelpLine – 8690082023 , 8690952023
Telegram Satsang Link - https://t.me/rampaljisatsang

Shanka Samadhan book (Maryada ki Book)
https://drive.google.com/file/d/1b_0HRgPMRaqpDbxDihau3KmGDD5bCOI2/view?pli=1

Loading comments...