Premium Only Content

Pravachan Shree Vishwamitra ji Maharaj
परम पूज्य डॉक्टर श्री विश्वामित्र जी महाराज जी के मुखारविंद से
((991))
*श्री भक्ति प्रकाश भाग ५०८(508)*
*नेपाल श्री राम शरणम् के उद्घाटन दिवस के शुभ अवसर पर।*
*हिंदू संस्कृति*
देवियो सज्जनो भक्ति प्रकाश में स्वामी जी महाराज ने भगवद भक्ति के अंतर्गत एक कथा लिखी है ।
वर्णन आता है बहुत से लोग यात्रा के लिए आ रहे थे । उनमें एक दो नेपाली भी थे । किसी अच्छे साधक ने उन नेपाली सज्जन से कहा -बंधु आप नेपाल से हो ? सारे के सारे नेपाल निवासी भगवद भक्ति के अधिकारी हैं । यह बात आपके लिए स्वामी जी महाराज ने कही हुई है । सब के सब भगवद भक्ति के अधिकारी हैं ।
मैं तो नहीं, भक्ति की दीक्षा देता हूं, भक्ति का उपदेश देता हूं, नेपाल लौट कर सबको इस मार्ग पर चलाना । क्यों है भक्ति के अधिकारी ?
स्वामी जी महाराज ने चार बातें लिखी हैं कहा -आपका राष्ट्र नेपाल, निवासी भीरु नहीं है, डरपोक नहीं है । भक्ति के अधिकारी हैं। क्यों डरपोक नहीं है, भीरू नहीं है । मन में किसी प्रकार की शंका नहीं है, संशयशील स्वभाव नहीं है । देश के प्रति, देशवासियों के प्रति द्रोही नहीं है । तब की बातें होंगी । अब क्या हो रहा है आप जानो । तब की बातें जब स्वामी जी महाराज ने ऐसा लिखा था, तब आप ऐसे हुआ करते थे । अंतिम बात लिखी स्वार्थी नहीं है । इन्हें अपने सुख की कोई चिंता नहीं है । यहीं से भक्ति का शुभारंभ होता है। साधक जनों जब अपनी चिंता कम औरों की चिंता अधिक, तो समझ लीजिएगा की भक्ति का आपके जीवन में प्रवेश हो गया, अध्यात्म का, भक्ति का आपके जीवन में प्रवेश हो गया ।
वाह रे हिंदू संस्कृति तू कितनी अपूर्व है, कितनी विलक्षण है तू । तेरा नारा है स्वयं सुख भोगने में वह मजा नहीं, जो सुख बांटने में है । यही रामायण जी की शिक्षा है, यही हिंदू संस्कृति । स्वयं सुख भोगने में वह मजा नहीं, आनंद नहीं, जो दूसरों को बांटने में है। तो हिंदू संस्कृति त्याग भरी, बांटने वाली संस्कृति । याद रखिएगा इस बात को ।
मन में प्रश्न उठता है, परमात्मा यदि है तो दिखाई क्यों नहीं देता ? ऐसी ही जिज्ञासा एक अध्यापिका के मन में भी थी । अतएव मान्यता थी की जो दिखाई नहीं देता,
वह है नहीं । ऐसे ही लोग हैं कहते है की परमात्मा है । आज अपने क्लास रूम में जाकर किसी लड़की से पूछा -अरे कांता बाहर देख क्या क्या दिखाई देता है ? उसने कहा मैम बाहर playground है, अनेक सारे पेड़ हैं, कुछ बच्चे खेल रहे हैं, इत्यादि इत्यादि । जो कुछ दिखाई दिया बोल दिया । कहीं परमात्मा भी दिखाई देता है ? अध्यापिका ने पूछा, कहा - नहीं । जो है ही नहीं, वह दिखाई कहां से देगा ? अध्यापिका ने बड़े बलपूर्वक कहा । एक सन्नाटा सा छा गया, यह अध्यापिका क्या कह रही है ।
एक बच्ची को अच्छी नहीं लगी यह बात। खड़ी हुई, मैम से कहा मैम मैं भी इससे एक प्रश्न पूछूं ? पूछ पूछती है -आपको क्लास रूम में यह मैडम, हमारी अध्यापिका दिखाई दे रही है ? हां, दिखाई दे रही है । क्या-क्या दिखाई दे रहा है ? इन्होंने साड़ी पहनी हुई है दो आंखें हैं, दो कान है, एक नाक, माथे पर बिंदी लगाई हुई है, इस रंग की साड़ी पहनी हुई है, इत्यादि इत्यादि । एक लड़की पूछती है, अरी कांता क्या मैडम की बुद्धि भी तुम्हें दिखाई देती है कि नहीं ? वह तो नहीं दिखाई देती । कांता ने झट से कहा की बुद्धि तो नहीं दिखाई देती । यह लड़की झट से कहती है जो है ही नहीं, वह दिखाई कहां से देगी ? मैडम हिली । अध्यापिका को यह कन्या समझाती है, मैडम जी, स्थूल तो दिखाई देता है, लेकिन सूक्ष्म दिखाई नहीं देता । उसे अनुभव करना होता है । परमात्मा देखने की चीज नहीं है, परमात्मा अनुभव करने की चीज है । हां, ऐसा नहीं कि वह दिखाई नहीं देता । दिखाई भी देता है, पर उसके लिए दृष्टि और तरह की चाहिए, ऐसी नहीं । करते हैं थोड़ी देर में बात ।
आज साधक जनों एक युवक भागता भागता, पसीने से लथपथ, एक पेड़ के नीचे, जहां संत महात्मा विराजमान, वहां पहुंचा
है । कहां बहुत दूर से आया हूं बाबा । परमात्मा के दर्शन की चाह है । आप तो परमात्मा के बहुत नजदीक होते हो, आपका तो रोज उनसे मिलन होता है, मेरा भी मिलन करवा दीजिएगा । बाबा ने कहा थोड़ी देर बैठो, आराम करो । पसीने से लथपथ, हांफ भी रहा था । थोड़ी देर के बाद पसीना सूख गया । बाबा ने पूछा क्यों बेटा परमात्मा के दर्शन हुए कि नहीं हुए नहीं, अरे वाह ! वह आए और चले गए, तुम्हें दर्शन नहीं हुए । नहीं ? मैंने तो नहीं देखे । कहा जब आया था तो पसीने से लथपथ था । यह पसीना सुखाने के लिए ऊपर देखते, कोई पंखे लगे हुए हैं । अरे परमात्मा ही शीतल वायु के रूप में आया और आकर तेरे पसीने को सुखाकर चला गया । तुम्हें दिखाई नहीं देता या अनुभव नहीं होता, तो यह तेरा दोष है । परमात्मा तो अपना काम करके चले गए । परमात्मा की कृपा के दर्शन तो साधक जनों नित्य होते रहते हैं । हां, स्थूल दर्शन, शरीर के दर्शन नहीं होते । लेकिन परमात्मा अपनी कृपा के दर्शन देवियो दिन में अनेक बार करवाता रहता है, और वह हर एक को करवाता है । उसकी कृपा के दर्शन करते रहिएगा ।
-
LIVE
Pepkilla
1 hour agoEverything is Fine on Ranked ~ DIRECT RTMP STUDIO
42 watching -
LIVE
Lilpaul112
1 hour agoLive On The Island With Proximity chat on =)
67 watching -
1:23:14
Glenn Greenwald
4 hours agoGlenn Takes Your Questions: Iraq War Lies, Judge Rebukes Trump, Ilham Omar Curses Reporters, & More | System Update #448
55.7K21 -
29:54
Afshin Rattansi's Going Underground
12 hours agoJimmy Dore: Russia & Ukraine WON’T Accept Peace Deal, Trump Should Halt Aid & Let EU Bankrupt Itself
11.9K3 -
40:41
Sarah Westall
3 hours agoTDS Worldwide, Trump Playing Economic Chicken, Global Power Shifts w/ Andy Schectman
15K11 -
LIVE
Solar Dolphin
2 hours ago $0.44 earnedDolphin Plays: Heroes Hour
73 watching -
54:03
BonginoReport
6 hours agoGender Bender Tesla Terrorist RELEASED (Ep. 40) - Nightly Scroll with Hayley 05/02/2025
91.4K56 -
1:17:17
Kim Iversen
6 hours agoChina BLAMES USA For Covid Leak | Are Ports Really EMPTY Since Trump's Tariffs?
81.4K115 -
LIVE
The White House
5 hours agoLo-Fi MAGA Video to Relax/Study To 🇺🇸
691 watching -
1:31:26
2 MIKES LIVE
5 hours ago2 MIKES LIVE #212 Open Mike Friday!
13.3K1