Akbar Birbal Ki Kahani | A Pound Of Flesh | एक शेर मॉस |
A Pound of Flesh, the final story of the volume is about a cruel and mean moneylender who demands an extraordinary payment, a pound of flesh, from a borrower. The borrower, another moneylender but a decent one, is saved from this life-threatening predicament only after the intervention of clever Birbal who stops the cruel moneylender cold in his tracks!
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Garmi Ki Chuttiyan | Nana Nani Ka Ghar | Animated Cartoon Video
राहुल ज्योति का ननी हाल गर्मियों के दिन थे गर्मियों की छुट्टिया चल रही थी राहुल ज्योति एक शाम दोनों बाहर से खेल रहे थे तभी उन की मम्मी ने उन को बोल्या और राहुल ज्योति घर के अंदर आये और बोले क्या बात है मम्मी आप इतना मुस्कुरा क्यों रही हो मम्मी बात ही ऐसी है तुम्हारी नानी का कॉल आया था उन्होंने बुलाया है कल हम सब नाना नानी के घर जा रहे है ये सुनकर तो राहुल ज्योति की खुशी आस्मान चूँ गई ये चलो पैकिंग शुरू कर देते है नाना नानी के गाँव जाते है और इंजॉय करते है फिर क्या दूसरे दिन सुभा जल्दी नाना नानी के गाँव निकल पड़े राहुल ज्योति का ननी हाल काफी खुफ़सूरत और छोटा सा गॉव था जहां सब खेती बाड़ी करते थे और प्यार से रहते थे राहुल ज्योति जैसे ही नाना नानी के घर पहुँचे तो उनके स्वागत के लिए नाना नानी तयार खड़े थे नाना नानी लोग राहुल ज्योति को अपने पास बुलाना चाहते थे नाना नानी बोले राहुल ज्योति आजाओ मेरे पास मैं राहुल ज्योति को पास बुलाकर प्यार करना चाहते थे राहुल ज्योति नाना नानी के पास जाकर उनसे लिपट गए फिर खास नाना नानी की बनाई हुई स्वाधिष्ट खाना खाकर राहुल ज्योति ने थोड़ी देर आराम कारा और फिर दोनों अपने नानी हाल का मज़ा लूटने के लिए तयार हो गए नानी ये लो तुम दोनों के लिए मैंने खास इमली का रास बनाया है इसे जल्दी से पीलो इसे गर्मीों में पीया जाता है नानी की बनाई हुई इमली का रास पीकर तो राहुल ज्योति एक दम तरो ताजा हो गए फिर नानी जी ने आम के पेड़ पर बड़ा सा जुला तंगाया था राहुल ज्योति जुले पर बैठ गए और जुला जुलते जुलते हवा में बाते करने लगे गाय, और फिर नानी जी के साथ गहूमे और फिर रात हो गई फिर राहुल ज्योति नानी जी के साथ रात की खाने के लिए फिर घर लोटगये राहुल नानी जी मैं आपके हाथो से खाऊँगा फिर ज्योति नानी मुझे भी खिलाओ ना ये सुनकर नानी जी हसने लगी ठीक है ठीक है मैं तुम दोनों को अपने हाथ से खिलाती हूँ फिर क्या राहुल ज्योति ने नानी के हाथ से पेट भर खाना खाया खाना खाने के बाद सब लोग सोने की तयारी करने लगे और फिर राहुल ज्योति को गर्मी महसूस होने लगी राहुल ज्योति नानी जी घर के अंदर कितनी गर्मी महसूस हो रही है पंखा भी गर्म हवा फेक रहा है आपके घर में एेसी भी नहीं है हमें तो एेसी की आदत है अब तो हमें रात भर नींद नहीं आएगी यह सुनकर नाना नानी के साथ सब लोग हसने लगे यह देखकर राहुल ज्योति और ज्यादा कंफ्यूज हो गए आप सब हस क्यों रहे हो हमने कुछ गलत कहा क्या ना बेटा तुमने कुछ गलत नहीं कहा झोटा सा गाँव है हमारा हमारे पास एेसी कैसे आएगा लेकिन हमारे पास एक ऐसा एेसी है जो तुमारे शहर में भी नहीं होगा नानी जी ने फिर जाके चथ पर गधे बिचाये और सोने लगे फिर राहुल ज्योति नानी मैं आपके पास सोगें नानी हाँ हाँ तुम दोनों मेरे पास सो जाओ आओ सो जाओ फिर क्या खुले आस्मान के निचे थांडी हवा में राहुल ज्योति नानी के पास सो गए और नानी से कहानिया सुन्ते सुन्ते दोनों को प्यारी नींद आगई
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