श्रीकृष्ण के बोए 'मोती आज भी यहां पेड़ों से झड़ते हैं, एक रहस्य

3 years ago
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नंदगांव का कण कण श्रीकृष्ण की लीलाओं का साक्षी है। यहां श्रीकृष्ण की हर उस लीला के चिन्ह हैं जिनका वर्णन पुराणों में किया गया है। ऐसी ही एक लीला थी मोतियों की खेती की। इस लीला का स्थल है मोती कुंड। 

मोती कुंड नंदगांव से गिडोह के रास्ते पर एक किलोमीटर चलकर है। कामां जाने वाली सड़क से पावन सरोवर के पास से यह सड़क निकलती है।

मथुरा में बरसाना और नंदगांव के बीच में मोती कुंड मौजूद है। यह कुंड तीन तरफ से पीलू (डोगर) के पेड़ों से घिरा हुआ है। इस पेड़ में मोती जैसे फूल होते हैं। ऐसी मान्‍यता है कि इन पेड़ों को कान्‍हा ने नंदबाबा के दिए कीमती मोतियों को बोकर उगाया था।

- माना जाता है कि श्रीकृष्‍ण और राधा के बीच सांसारिक रिश्‍ते नहीं थे, लेकिन नंदगाव का यह मोती कुंड आज भी दोनों की सगाई की गवाही देता है।
- आज भी ब्रज 84 कोस यात्रा के दौरान यहां लोग यहां पर मोती जैसे फल बटोरने आते हैं। यह डोगर (पीलू) का पेड़ है।
- पूरे ब्रज में कुछ ही जगह ये पेड़ हैं, लेकिन मोती जैसे फल सिर्फ मोती कुंड के पास मौजूद पेड़ में ही मिलते हैं।

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