हजार साल पुराना “प्रशस्ति” शिलालेख: रामायण पर नया प्रकाश

4 days ago
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रुद्र विक्रम श्रीवास्तव ने 18 दिसंबर 2024 को गढ़वा किले में 11वीं सदी का एक महत्वपूर्ण शिलालेख खोजा।

यह संस्कृत शिलालेख 1095 ईस्वी का है और राम-नवमी उत्सव का अब तक ज्ञात सबसे प्राचीन प्रमाण है।

विशेषज्ञों ने इस शिलालेख को पढ़ने और समझने में सहायता प्रदान की तथा पुष्टि की कि इसका वर्णन वाल्मीकि रामायण की कथा से मेल खाता है, जिसमें भगवान राम की यात्रा का विवरण है।

इस शिलालेख से यह स्पष्ट होता है कि भगवान राम की यात्रा से संबंधित पवित्र स्थलों को सदियों तक हिंदू जनमानस में स्मृति रूप में सुरक्षित रखा गया।

यह शिलालेख उन दावों को चुनौती देता है कि राम की पूजा और भक्ति आंदोलन आधुनिक काल की घटनाएं हैं। यह सिद्ध करता है कि भगवान राम को विष्णु के अवतार के रूप में प्राचीन काल से ही पूजित किया जाता रहा है।

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