हिंदू आस्थाओं का अपमान, वोट बैंक साधने की नई राजनीति

17 days ago
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हिंदू धर्म और उसके अनुयायियों का अपमान करना अब भारतीय राजनीति में एक सामान्य चलन बन चुका है। कई नेताओं के लिए तो, हिंदू धर्म को गाली देना उनके “सेक्युलर वोट बैंक” तक पहुँचने का सबसे तेज़ रास्ता है।

आज की विपक्षी राजनीति का एजेंडा मोदी सरकार के “हिंदू बहुसंख्यवाद” को रोकने के नाम पर चलता है, लेकिन यह एजेंडा अक्सर हिंदू धर्म और उसकी परंपराओं के अपमान तक पहुँच जाता है।

हिंदू धर्म को राजनीतिक रूप से बदनाम करने का यह सिलसिला अल्पसंख्यक तुष्टिकरण का हिस्सा है, जहाँ जानबूझकर अल्पसंख्यक पहचान को हिंदू संस्कृति के खिलाफ खड़ा किया जाता है, और समाज में अनावश्यक दुश्मनी बोई जाती है।

हिंदुओं की सहिष्णुता उन्हें हिंदूफोबिया की इस राजनीति में “बलि का बकरा” बना देती है।

तमिलनाडु के उपमुख्यमंत्री उदयनिधि स्टालिन का सनातन धर्म को खतम करने का आह्वान, दक्षिण भारतीय राजनीति की उस वृहद हिंदू-विरोधी प्रवृत्ति का प्रतीक है, जिस पर द्रविड़ राजनीति की विचारधारा का गहरा असर है।

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