मुरुगन सम्मेलन 2025: नवभारत में सांस्कृतिक चेतना के पुनर्जागरण का आवाहन

21 days ago

यह कार्यक्रम भले ही एक धार्मिक आयोजन जैसा लगा हो, लेकिन असल में यह हिंदू पहचान, यादों और आत्मगौरव को फिर से जगाने की कोशिश थी।

इस कार्यक्रम का आयोजन आचार्यों, मंदिरों के प्रमुखों और सांस्कृतिक ज्ञाताओं ने किया, लेकिन इसमें किसी तरह का राजनीतिक विरोध या सड़क पर प्रदर्शन नहीं था।

आज जब मंदिरों की ज़मीनें छीनी जा रही हैं, पवित्र जगहों के नाम बदले जा रहे हैं और हिंदुओं की आज़ादी छीनी जा रही है — ऐसे समय में यह सभा यह बताने के लिए की गई कि भक्ति कोई कमजोरी नहीं होती।

पूजा-पाठ और अनुष्ठान इस कार्यक्रम में सिर्फ धार्मिक कार्य नहीं थे, बल्कि वे हमारी स्मृति, गरिमा और सांस्कृतिक हमलों के खिलाफ़ शांत लेकिन प्रभाविक जवाब बन गए।

मुरुगन भक्त सम्मेलन इस बात का संकेत है कि हिंदू समाज अब जाग रहा है और तुष्टिकरण की नीति को और बर्दाश्त नहीं करेगा।

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