घर वापसी: खोई हुई पहचान की वापसी

20 days ago

घर वापसी उस नक़ली पहचान के मुखौटे को उतार फेंकने की प्रक्रिया है जो विदेशी आक्रांताओं और बाहरी शासकों द्वारा हमारे समाज पर थोपी गयी थी।

भारत भर में कई समुदाय बड़े पैमाने पर घर वापसी कर अपनी सांस्कृतिक और सभ्यतागत जड़ों को फिर से पाने की कोशिश कर रहे हैं।

बीते एक दशक में भारत के सांस्कृतिक और सभ्यतागत चर्चा में महत्वपूर्ण बदलाव देखने को मिला है जिसने भारतीयों को अपनी जड़ों की ओर वापस लौटने का हौसला और आत्मविश्वास दिया है।

वही वामपंथी-उदारवादी तंत्र, जो हिंदुओं के जबरन और छल से कराए गए धर्मांतरण की तारीफ करते नहीं थकता, घर वापसी को लेकर तरह-तरह के दुष्प्रचार और अफ़वाहें फैलाता है।

घर वापसी आंदोलन के सामने कुछ चुनौतियाँ भी हैं, जिनमें सबसे अहम है घर वापसी करने वालों का मुख्यधारा समाज में समावेश।

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