राष्ट्रपति बदलते रहेंगे, पर अमेरिका की भारत नीति वहीं की वहीं रहेगी

20 days ago

अमेरिका की विदेश नीति चर्च-प्रेरित है, न कि केवल राष्ट्रपति या उनकी पार्टी की सोच पर आधारित; इसका प्रमुख उद्देश्य वैश्विक ईसाई धर्म विस्तार है।

भारत इस एजेंडे के मार्ग में सबसे बड़ी बाधा है क्योंकि यह एक सनातन धर्म आधारित राष्ट्र है, जो अब्राहमिक मजहबों के विस्तार के सामने वैचारिक चुनौती प्रस्तुत करता है।

चर्च समर्थित संस्थाएं भारत को ‘अल्पसंख्यक विरोधी’ बताकर उसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर बदनाम करती हैं।

IRFA कानून और USCIRF जैसी संस्थाएं धर्मांतरण विरोधी नीतियों के आधार पर भारत के खिलाफ लगातार रिपोर्टें बनाती हैं, लेकिन पाकिस्तान-बांग्लादेश में हिन्दुओं के नरसंहार पर चुप रहती हैं।

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