द बंगाल फाइल्स: वह सत्य जिसे इतिहास ने दफ़ना दिया

21 days ago
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‘बंगाल फाइल्स’ विवेक अग्निहोत्री की तीसरी फिल्म है, जो 1946 में हुए नोआखाली नरसंहार और बंगाल व बांग्लादेश में हिंदुओं पर अब भी हो रहे अत्याचारों को दिखाती है।

फिल्म यह दिखाती है कि कैसे हिंदुओं के खिलाफ हुए ऐतिहासिक अत्याचारों को किताबों, मीडिया और राजनीतिक चर्चाओं से जानबूझकर हटा दिया गया है क्योंकि ये बातें कुछ विचारधाराओं को असहज करती हैं।

डायरेक्ट एक्शन डे और नोआखाली जैसे घटनाक्रम योजनाबद्ध और सत्ता समर्थित जनसंहार थे, जो संयुक्त राष्ट्र की परिभाषा के अनुसार ‘नरसंहार’ की श्रेणी में आते हैं, लेकिन इन्हें अब तक मान्यता नहीं मिली है।

आज का पश्चिम बंगाल जनसंख्या बदलाव और वैचारिक चरमपंथ के उन्हीं संकेतों को दिखा रहा है जो 1990 में कश्मीर में हिंदुओं के पलायन से पहले देखे गए थे — और यह अवैध घुसपैठ, तुष्टिकरण की राजनीति और सांस्कृतिक दमन के कारण हो रहा है।

यह फिल्म यादों को हथियार बनाकर प्रतिरोध की प्रेरणा देती है, और खासतौर पर हिंदू युवाओं व प्रवासी भारतीयों से अपील करती है कि वे अपनी भूली हुई सभ्यता की स्मृति को फिर से अपनाएं और चुप्पी को चुनौती दें।

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