Tere Ankhon Ke Siva || Singing and Dancing by Soubhagya Laxmi Mishra

21 days ago
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तेरी आँखों के सिवा दुनिया में रखा क्या है
ये उठें सुबह चले, ये झूकें शाम ढ़ले
मेरा जीना, मेरा मरना, इन्हीं पलकों के तले

पलकों की गलियों में चेहरे बहारों के हँसते हुए
है मेरे ख़्वाबों के क्या क्या नगर इन में बसते हुए
ये उठें सुबह चले, ये झूकें शाम ढ़ले
मेरा जीना, मेरा मरना, इन्हीं पलकों के तले

इन में मेरे आनेवाले जमाने की तस्वीर है
चाहत के काजल से लिखी हुई मेरी तक़दीर है
ये उठें सुबह चले, ये झूकें शाम ढ़ले
मेरा जीना, मेरा मरना, इन्हीं पलकों के तले

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