Day 34 – जिनके लिए सब चाहा, वही आज सामने हैं | Bhagavad Gita Shlok 1.33 Explained

1 month ago
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Day 34 – जिनके लिए सब चाहा, वही आज सामने हैं | Bhagavad Gita Shlok 1.33 Explained
Shlok 1.33 – Arjuna’s Emotional Dilemma | DAY 34
"येषामर्थे काङ्क्षितं नो राज्यं भोगाः सुखानि च।
त इमेऽवस्थिताः युद्धे प्राणांस्त्यक्त्वा धनानि च॥"

भावार्थ:
हे कृष्ण, जिनके लिए मैंने राज्य, भोग और सुख की कामना की थी,
आज वही मेरे सामने युद्धभूमि में खड़े हैं —
अपने प्राण और धन त्यागने को तैयार।
कैसे लूं वो सुख, जो इन्हें खोकर मिलेगा?

🙏 जब धर्म और मोह टकराते हैं, तब केवल विवेक ही रास्ता दिखाता है।

🪔 अगर आपको अर्जुन की पीड़ा समझ में आई हो,
तो कमेंट करें — “धर्म से बड़ा कोई सुख नहीं होता।”

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This video is created originally by Hare Krishna Bhakti Vibes for spiritual knowledge purposes. Jai Shree Krishna.
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