संसार क्या सोचेगा या ईश्वर क्या सोचेगा? | अदृश्य मूर्ति का रहस्य

1 month ago
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क्या आप भी कोई भी काम करने से पहले यह सोचते हैं कि लोग क्या कहेंगे? क्या समाज की निंदा का डर आपको अपने सही रास्ते पर चलने से रोकता है?
इस वीडियो में हम विमर्श की कहानी सुनेंगे, जो एक प्रतिभाशाली शिष्य था लेकिन लोक-निंदा के भय से ग्रस्त था। उसके गुरु, ऋषि भृगु, ने उसे प्रतिष्ठानपुर के एक महान मूर्तिकार, देवदत्त, की कहानी सुनाई।
देवदत्त को एक ऐसी अद्भुत मूर्ति बनाने का काम मिला था जिसे मंदिर के शिखर के अंधेरे में छिपाया जाना था, जहाँ उसे कोई नहीं देख सकता था। फिर भी, उसने उस मूर्ति को उतनी ही लगन और बारीकी से बनाया जितनी लगन से उसने मुख्य मूर्ति को बनाया था। क्यों?
उसका उत्तर आपके जीवन को देखने का नजरिया बदल देगा। यह कहानी हमें सिखाती है कि:
हमारे कर्मों का असली दर्शक और निर्णायक कौन है।
सच्ची आत्म-संतुष्टि और निडरता कैसे प्राप्त करें।
संसार की राय से ऊपर उठकर अपने धर्म का पालन कैसे करें।
इस गहरी और प्रेरक कथा को अंत तक सुनें और लोग क्या कहेंगे के भय से मुक्त हो जाएं।

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