Mission Bhagavad Gita Day 23 | Shlok 1.22 | अर्जुन युद्ध से पहले क्या देखना चाहते थे?

2 months ago
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Mission Bhagavad Gita Day 23 | Shlok 1.22 | अर्जुन युद्ध से पहले क्या देखना चाहते थे?
📿 Mission Bhagavad Gita – श्लोक दिवस 23
अध्याय 1, श्लोक 1.22
"यावत्स्यान्निरीक्षेऽहं योद्धुकामानवस्थितान्।
कैर्मया सह योद्धव्यमस्मिन् रणसमुद्यमे॥"

भावार्थ:
अर्जुन कहते हैं –
"हे अच्युत! जब तक मैं इन युद्ध की इच्छा रखने वालों को अच्छी तरह से देख न लूं,
तब तक कृपया रथ को दोनों सेनाओं के बीच रोकिए।
ताकि मैं जान सकूं कि मुझे किन-किन से युद्ध करना है।"

🧠 भावनात्मक व्याख्या:
यह श्लोक एक गहरे मानसिक द्वंद्व को दर्शाता है।
👉 अर्जुन युद्धभूमि में केवल शत्रु नहीं देख रहे —
वे रिश्ते, धर्म, और अपने कर्तव्य के बीच संघर्ष भी देख रहे हैं।
यह निर्णय का क्षण है, और श्रीकृष्ण उनके साथ हैं – एक सारथी के रूप में।

🌟 आज का संदेश:
जब मन असमंजस में हो, तब भगवान को अपने भीतर मार्गदर्शक बनाइए।
हर दिन गीता – हर दिन आत्मा का उत्थान।

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जय श्रीकृष्ण! जय धर्म की विजय!
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