परमात्मा का भजन

2 months ago
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कबीर, योग (भक्ति) के अंग पाँच हैं, संयम मनन एकान्त।
विषय त्याग नाम रटन, होये मोक्ष निश्चिन्त।।

भावार्थ:-
भक्ति के चार आवश्यक पहलु हैं। संयम यानि प्रत्येक कार्य में संयम बरतना चाहिए।
धन संग्रह करने में, बोलने में, खाने-पीने में, विषय भोगों में संयम रखे यानि भक्त को कम बोलना चाहिए, विषय विकारों का त्याग करना चाहिए, परमात्मा का भजन तथा परमात्मा की वाणी प्रवचनों का मनन करना अनिवार्य है।
ऐसे साधना तथा मर्यादा पालन करने से मोक्ष निश्चित प्राप्त होता है।

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