जब सद्गुरुदेव प्रसन्न हों

2 months ago
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जब सद्गुरुदेव प्रसन्न हों

कबीर, भक्ति-भक्ति सब कोई कहै, भक्ति न जाने भेव।
परण भक्ति जब मिलै, कृपा करै गुरुदेव॥

कबीर साहेब जी बताते हैं कि भक्ति की बात तो सब कोई कहते रहते हैं, परंतु इसको करना बहुत ही कठिन है। कोई भी इसके भेद को नहीं जानता।

पूर्ण-भक्ति तो तभी मिलती है, जब सद्गुरुदेव प्रसन्न हों, आशीर्वाद दें और कृपा करके सत्यज्ञान प्रदान करें ताकि मन के सभी संदेह-मलिन वासनाएं दूर हों और अंतर्मन में भक्ति का प्रकाश फैल जाए।

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