शरीर का समय

2 months ago
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गरीब, पिंड परे पक्षी उड्या, मन सूवा सति भाय।
तन त्रिगुण तीनों तजे, कहौ कहां रहे समाय।।

शरीर का समय समाप्त होने पर जीवात्मा पक्षी की तरह उड़ जाता है। मन रुपी (सूवा) तोता शरीर से निकलकर चला जाता है।

फिर कहाँ जाता है? भक्त सतलोक चला जाता है। पामर प्राणी नरक चला जाता है। फिर कर्मों के अनुसार भ्रमता-भटकता है।

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