75 साल की मोना बेहरा जी का कैंसर के बाद जीवन | कब्ज़, कमजोरी और दर्द में आयुर्वेद से राहत

3 months ago
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मिलिए बिलासपुर (छत्तीसगढ़) की 75 वर्षीय श्रीमती मोना बेहरा जी से, जिन्होंने पेट के कैंसर (स्टमक कार्सिनोमा) का सामना करने के बाद भी हिम्मत नहीं हारी।

👉 मुख्य समस्याएं:
✅ लगातार कब्ज़
✅ कमजोरी और भूख में कमी
✅ मतली
✅ घुटनों और कमर में दर्द
✅ धुंधली दृष्टि
✅ अम्लता (एसिडिटी)

👉 स्वास्थ्य इतिहास:

पेट के कैंसर (Carcinoma Stomach) का निदान।

पैरों के दर्द के लिए एलोपैथिक दवा लेने पर 4 दिन तक गंभीर कब्ज़ की शिकायत।

कोई डायबिटीज, हाइपरटेंशन या थायराइड की बड़ी समस्या नहीं।

कोविड वैक्सीन पूरी तरह से लगवा चुकी हैं।

👉 पहली और दूसरी विज़िट पर स्थिति:
✅ वजन घटकर 63.90 किलो से 60.15 किलो
✅ बीपी 136/90 से घटकर 128/86 mmHg
✅ जीभ पर कोटिंग बनी रही, जिससे पाचन और वात विकृति का संकेत।
✅ नाड़ी परीक्षण में वात ++ (अधिक), पित्त +, कफ + + (माइल्ड) पाया गया।

👉 जांच रिपोर्ट:
✔ हीमोग्लोबिन 7.4 (हल्की एनीमिया)
✔ लिवर हल्का बढ़ा हुआ (माइल्ड हेपाटोमेगली)
✔ सीआरपी, लिवर फंक्शन, थायरॉयड प्रोफाइल और ट्यूमर मार्कर्स सभी सामान्य सीमा में
✔ हल्की जीईआरडी (ग्रेड I)

👉 प्रोविजनल डायग्नोसिस:
1️⃣ पेट का कैंसर (Stomach Carcinoma)
2️⃣ जीईआरडी (ग्रेड I)
3️⃣ हल्की लिवर वृद्धि (माइल्ड हेपाटोमेगली)
4️⃣ पुरानी कब्ज़ और पोषण की कमी (एनीमिया)

👉 आयुर्वेदिक दृष्टि:
वात प्रधान प्रकृति और वात वृद्धि के कारण पेट और पाचन की समस्याएं, कमजोरी और दर्द। आयुर्वेद में विशेष आहार-विहार और औषधियों से इनके स्वास्थ्य में सुधार की योजना बनाई गई।

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