Kabir Prakat Diwas

5 months ago
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Kabir Prakat Diwas

नहीं बाप ना माता जाए, अविगत से हम चल आए।
कलियुग में काशी चलि आए। जब हमरे तुम दर्शन पाये।।

आज से करीब 600 वर्ष पहले कबीर साहेब, काशी के लहरतारा तालाब में कमल के फूल पर सशरीर प्रकट हुए थे, उनका जन्म माँ से नहीं हुआ था।

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