पहनावा पुरुषों और महिलाओं के लिए

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पहनावा पुरुषों और महिलाओं के लिए
पहनावा पुरुषों और महिलाओं के लिए बाइबिल शस्त्रा के अनुसार

व्यवस्थाविवरण 22:5 कोई स्त्री पुरूष का पहिरावा न पहिने, और न कोई पुरूष स्त्री का पहिरावा पहिने; क्योंकि ऐसे कामों के सब करने वाले तेरे परमेश्वर यहोवा की दृष्टि में घृणित हैं
यहेजकेल 44:20-23 और न तो वे(पुरूष) सिर मुण्डाएं, और न बाल लम्बे होने दें; वे केवल अपने बाल कटाएं।21 और भीतरी आंगन में जाने के समय कोई याजक दाखमधु न पीए।22 वे विधवा वा छोड़ी हुई सत्री को ब्याह न लें; केवल इस्राएल के घराने के पंश में से कुंवारी वा ऐसी विधवा बयाह लें जो किसी याजक की स्त्री हुई हो।23 वे मेरी प्रजा को पवित्र अपवित्र का भेद सिखाया करें, और शुद्ध अशुद्ध का अन्तर बताया करें…. लेवीय याजक
रोमियो 12:2 और इस संसार के सदृश न बनो; परन्तु तुम्हारी बुद्धि के नये हो जाने से तुम्हारा चाल-चलन भी बदलता जाए, जिस से तुम परमेश्वर की भली, और भावती, और सिद्ध इच्छा अनुभव से मालूम करते रहो
1 कुरिन्थियों 11:7-10 हां पुरूष को अपना सिर ढांकना उचित नहीं, क्योंकि वह परमेश्वर का स्वरूप और महिमा है; परन्तु स्त्री पुरूष की महिमा!8 क्योंकि पुरूष स्त्री से नहीं हुआ, परन्तु स्त्री पुरूष से हुई है।9 और पुरूष स्त्री के लिये नहीं सिरजा गया, परन्तु स्त्री पुरूष के लिये सिरजी गई है।10 इसीलिये स्वर्गदूतों के कारण स्त्री को उचित है, कि अधिकार अपने सिर पर रखे
1 तीमुथियुस 2:9 वैसे ही स्त्रियां भी संकोच और संयम के साथ सुहावने वस्त्रों से अपने आप को संवारे; न कि बाल गूंथने, और सोने, और मोतियों, और बहुमोल कपड़ों से, पर भले कामों से।
1 पतरस 3:3-5 और तुम्हारा सिंगार, दिखावटी न हो, अर्थात बाल गूंथने, और सोने के गहने, या भांति भांति के कपड़े पहिनना।4 वरन तुम्हारा छिपा हुआ और गुप्त मनुष्यत्व, नम्रता और मन की दीनता की अविनाशी सजावट से सुसज्ज़ित रहे, क्योंकि परमेश्वर की दृष्टि में इसका मूल्य बड़ा है।5 और पूर्वकाल में पवित्र स्त्रियां भी, जो परमेश्वर पर आशा रखती थीं, अपने आप को इसी रीति से संवारती और अपने अपने पति के आधीन रहती थीं।
गैर स्वच्छ पशु भोजन
लैव्यव्यवस्था 11:4,7,12-20,23,25 परन्तु पागुर(chew) करने वाले वा फटे खुर(divide hoofs) वालों में से इन पशुओं को न खाना, अर्थात ऊंट,( अ) जो पागुर तो करता है परन्तु चिरे खुर का नहीं होता, इसलिये वह तुम्हारे लिये अशुद्ध ठहरा है ,7 और सूअर(अ), जो चिरे अर्थात फटे खुर का होता तो है परन्तु पागुर नहीं करता, इसलिये वह तुम्हारे लिये अशुद्ध है .12 जल में जिस किसी जन्तु के पंख(fins) और चोंयेटे(scales) नहीं होते वह तुम्हारे लिये अशुद्ध है 13 फिर पक्षियों में से इन को अशुद्ध जानना, ये अशुद्ध होने के कारण खाए न जाएं, अर्थात उकाब (अ), हड़फोड़(अ), कुरर(अ),14 शाही, और भांति भांति की चील(अ),15 और भांति भांति के सब काग,16 शुतुर्मुर्ग(अ), तखमास, जलकुक्कुट, और भांति भांति के बाज,17 हवासिल, हाड़गील, उल्लू,18 राजहँस, धनेश, गिद्ध,19 लगलग, भांति भांति के बगुले, टिटीहरी और चमगीदड़(अ)॥20 जितने पंख वाले चार पांवों के बल चरते हैं वे सब तुम्हारे लिये अशुद्ध हैं ,23 परन्तु और सब रेंगने वाले पंख वाले जो चार पांव वाले होते हैं वे तुम्हारे लिये अशुद्ध हैं ,25 और जो कोई इनकी लोथ में का कुछ भी उठाए वह अपने वस्त्र धोए और सांझ तक अशुद्ध रहे
खाना बिल्कुल नहीं
व्यवस्थाविवरण 12:23 परन्तु उनका लोहू किसी भांति न खाना; क्योंकि लोहू जो है वह प्राण ही है, और तू मांस के साथ प्राण कभी भी न खाना
यशायाह 66:17 जो लोग अपने को इसलिये पवित्र और शुद्ध करते हैं कि बारियों में जाएं और किसी के पीछे खड़े हो कर सूअर वा चूहे का मांस और और घृणित वस्तुएं खाते हैं, वे एक ही संग नाश हो जाएंगे, यहोवा की यही वाणी है
खाने के लिए भोजन
मरकुस 7:20-23 फिर उस ने कहा; जो मनुष्य में से निकलता है, वही मनुष्य को अशुद्ध करता है।21 क्योंकि भीतर से अर्थात मनुष्य के मन से, बुरी बुरी चिन्ता, व्यभिचार।22 चोरी, हत्या, पर स्त्रीगमन, लोभ, दुष्टता, छल, लुचपन, कुदृष्टि, निन्दा, अभिमान, और मूर्खता निकलती हैं।23 ये सब बुरी बातें भीतर ही से निकलती हैं और मनुष्य को अशुद्ध करती हैं
उत्पत्ति 1:26 फिर परमेश्वर ने कहा, हम मनुष्य को अपने स्वरूप के अनुसार अपनी समानता में बनाएं; और वे समुद्र की मछलियों, और आकाश के पक्षियों, और घरेलू पशुओं, और सारी पृथ्वी पर, और सब रेंगने वाले जन्तुओं पर जो पृथ्वी पर रेंगते हैं, अधिकार रखें
व्यवस्थाविवरण 14:4 जो पशु तुम खा सकते हो वे ये हैं, .. भेड़-बकरी
व्यवस्थाविवरण 14:5 हरिण, चिकारा, यखमूर, बनैली बकरी, साबर, नीलगाय, और बैनेली भेड़।
व्यवस्थाविवरण 14:9 फिर जितने जलजन्तु हैं उन में से तुम इन्हें खा सकते हो, अर्थात
जितनों के पंख और छिलके(scales) होते हैं
नहेमायाह 8:10 फिर उसने उन से कहा, कि जा कर चिकना चिकना भोजन करो और मीठा मीठा रस पियो, और जिनके लिये कुछ तैयार नहीं हुआ उनके पास बैना भेजो; क्योंकि आज का दिन हमारे प्रभु के लिये पवित्र है; और उदास मत रहो, क्योंकि यहोवा का आनन्द तुम्हारा दृढ़ गढ़ है
दानिय्येल 1:8 परन्तु दानिय्येल ने अपने मन में ठान लिया कि वह राजा का भोजन खाकर,
और उसके पीने का दाखमधु पीकर अपवित्र न होए; इसलिये उसने खोजों के प्रधान से बिनती
की कि उसे अपवित्र न होना पड़े
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