Key Concepts of Price Action Trading. प्राइस एक्शन ट्रेडिंग के मुख्य सिद्धांत

6 months ago
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प्राइस एक्शन ट्रेडिंग एक ऐसी ट्रेडिंग रणनीति है जिसमें केवल कीमत (Price) की चाल और उसके इतिहास का विश्लेषण किया जाता है, बिना किसी तकनीकी संकेतक (Indicators) जैसे मूविंग एवरेज या RSI का उपयोग किए। इसमें ट्रेडर्स कैंडलस्टिक पैटर्न, ट्रेंडलाइन, सपोर्ट और रेजिस्टेंस लेवल और मार्केट स्ट्रक्चर को समझकर ट्रेडिंग निर्णय लेते हैं।

प्राइस एक्शन ट्रेडिंग के मुख्य सिद्धांत

1. मार्केट स्ट्रक्चर – ऊँचे उच्च (Higher Highs), ऊँचे निम्न (Higher Lows) (अपट्रेंड) या निचले उच्च (Lower Highs), निचले निम्न (Lower Lows) (डाउनट्रेंड) को समझना।

2. सपोर्ट और रेजिस्टेंस – उन स्तरों को पहचानना जहाँ कीमत अक्सर रुकती या रिवर्स होती है।

3. कैंडलस्टिक पैटर्न – पिन बार, इंगफ्लिंग कैंडल और इनसाइड बार जैसी संरचनाओं का उपयोग करना।

4. ट्रेंडलाइन और चैनल्स – डायनामिक सपोर्ट/रेजिस्टेंस खींचकर ट्रेंड और ब्रेकआउट पहचानना।

5. सप्लाई और डिमांड जोन – उन क्षेत्रों की पहचान करना जहाँ खरीदारी (Buying) या बिकवाली (Selling) का दबाव अधिक होता है।

6. ब्रेकआउट और फेकआउट – असली और नकली ब्रेकआउट में फर्क करके गलत ट्रेड से बचना।

लोकप्रिय प्राइस एक्शन रणनीतियाँ

पिन बार रिवर्सल – लंबी विक (Wick) वाली कैंडल का उपयोग कर रिवर्सल की पहचान करना।

इंगफ्लिंग पैटर्न – जब एक कैंडल पूरी तरह से पिछली कैंडल को ढँक ले, तो यह मजबूत संकेत होता है।

ब्रेकआउट ट्रेडिंग – जब कीमत किसी महत्वपूर्ण स्तर को तोड़ती है और मजबूत गति (Momentum) में आती है।

पुलबैक ट्रेडिंग – मुख्य ट्रेंड के साथ जाने से पहले रिट्रे

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