कुछ आजकल ऐसे ही सारी रात गुजारता है कोई, नींद में ख़ुद से बातें करके सारी रात जागता है कोई !!

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कुछ ऐसे ही सारी रात जागता है कोई
Kajal Nayak Kajal Nayak
Mere Alfaz
कुछ आजकल ऐसे ही सारी रात गुजारता है कोई,
नींद में ख़ुद से बातें करके सारी रात जागता है कोई !!

वो साकी पिला गया मुझे अपने आंखों का जाम,
कि अब उसकी आंखों के सहारे ही रात गुजारता है कोई !!

तन्हाई के इस घरौंदे में ना जाने कैसा शोर हुआ,
लगता है दिल के इस खंडहर मकान में आ रहा है कोई !!

कानो में गूंजती रहती है अब किसी की हंसी गुलज़ार,
लगता है बिना दवा कर मर्ज़ लगा बैठा है कोई !!

कुछ आजकल ऐसे ही सारी रात गुजारता है कोई,
नींद में ख़ुद से बातें करके सारी रात जागता है कोई !!

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