जानें क्यों मनाई जाती है कजरी तीज, क्या है इसकी महिमा। Kajari Teej 2024, Hariyali Teej

1 year ago
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करवा चौथ की तरह ही कजरी तीज का इंतजार सुहागिन और कुंवारी कन्याएं बहुत ही बेसब्री से करती हैं। कजरी तीज के दिन मां पार्वती और भगवान शिव जी की पूजा करने के साथ साथ नीमड़ी देवी की पूजा की जाती है। सबसे पहले पार्वती माता ने ही कजरी तीज का व्रत रखा था, और इसी दिन शिव पार्वती का पुनर्मिलन हुआ था। इस दिन हर सुहागिन महिला नए वस्त्र पहनती हैं और सोलह श्रृंगार करती हैं।

कजरी तीज को कजली तीज, हरियाली तीज के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन महिलाएं नाचती-गाती हैं। कजरी तीज पर लोक-गीत गाने की विशेष परंपरा है। यूपी, बिहार, मध्य प्रदेश और राजस्थान में लोग ढोलक की थाप पर कजरी गीत गाते हैं। इस दिन झूले झूलने की भी परंपरा हैं, नवविवाहित लड़कियां इस त्योहार को अपने पीहर में मनाती है।

सुहागिन महिलाएं इस दिन अपने पति की लंबी आयु और अच्छे स्वास्थ्य के लिए शिव पार्वती का पूजन करती हैं। करवा चौथ के व्रत की तरह तीज का व्रत भी चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद व्रत खोला जाता है। कजरी तीज पर नीम के पेड़ की पूजा भी की जाती है।

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