शैतान के बारे में महत्वपूर्ण अनोखी जानकारी

30 days ago
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शैतान की चाल... आधा सच और आधा झूठ
उत्पत्ति 3:4 तब सर्प ने स्त्री से कहा, तुम निश्चय न मरोगे
उत्पत्ति 3:5 वरन परमेश्वर आप जानता है, कि जिस दिन तुम उसका फल खाओगे उसी दिन तुम्हारी आंखें खुल जाएंगी, और तुम भले बुरे का ज्ञान पाकर परमेश्वर के तुल्य हो जाओगे
शैतान का सामना करने के लिए परमेश्वर द्वारा मनुष्य को दी गई युक्ति
याकूब 4:7इसलिये परमेश्वर के आधीन हो जाओ; और शैतान का साम्हना करो, तो वह तुम्हारे पास से भाग निकलेगा।
1 पतरस 5:8-9 सचेत हो, और जागते रहो, क्योंकि तुम्हारा विरोधी शैतान गर्जने वाले सिंह की नाईं इस खोज में रहता है, कि किस को फाड़ खाए।9 विश्वास में दृढ़ हो कर, और यह जान कर उसका साम्हना करो, कि तुम्हारे भाई जो संसार में हैं, ऐसे ही दुख भुगत रहे हैं।
शैतान का निवास स्थान धरती पर नबरमूडा त्रिभुज हल
यशायाह 27:1 उस समय यहोवा अपनी कड़ी, बड़ी, और पोड़ तलवार से लिव्यातान नाम वेग और टेढ़े चलने वाले सर्प को दण्ड देगा, और जो अजगर समुद्र में रहता है उसको भी घात करेगा॥
यहेजकेल 28:2 हे मनुष्य के सन्तान, सोर के प्रधान से कह, परमेश्वर यहोवा यों कहता है कि तू ने मन में फूलकर यह कहा है, मैं ईश्वर हूँ, मैं समुद्र के बीच परमेश्वर के आसन पर बैठा हूँ, परन्तु, यद्यपि तू अपने आप को परमेश्वर सा दिखाता है, तौभी तू ईश्वर नहीं, मनुष्य ही है।
यहेजकेल 28:4 तू ने अपनी बुद्धि और समझ के द्वारा धन प्राप्त किया, और अपने भण्डारों में सोना-चान्दी रखा है;
यहेजकेल 28:5 तू ने बड़ी बुद्धि से लेन-देन किया जिस से तेरा धन बढ़ा, और धन के कारण तेरा मन फूल उठा है।
शैतान परमेश्वर का दास है
अय्यूब 1:6-7 एक दिन यहोवा परमेश्वर के पुत्र उसके साम्हने उपस्थित हुए, और उनके बीच शैतान भी आया।7 यहोवा ने शैतान से पूछा, तू कहां से आता है? शैतान ने यहोवा को उत्तर दिया, कि पृथ्वी पर इधर-उधर घूमते-फिरते और डोलते-डालते आया हूँ
अय्यूब 1:10 क्या तू ने उसकी, और उसके घर की, और जो कुछ उसका है उसके चारों ओर बाड़ा नहीं बान्धा? तू ने तो उसके काम पर आशीष दी है,
अय्यूब 1:12 यहोवा ने शैतान से कहा, सुन, जो कुछ उसका है, वह सब तेरे हाथ में है; केवल उसके शरीर पर हाथ न लगाना। तब शैतान यहोवा के साम्हने से चला गया।
अय्यूब 2:1-7 फिर एक और दिन यहोवा परमेश्वर के पुत्र उसके साम्हने उपस्थित हुए, और उनके बीच शैतान भी उसके साम्हने उपस्थित हुआ2 यहोवा ने शैतान से पूछा, तू कहां से आता है? शैतान ने यहोवा को उत्तर दिया, कि इधर-उधर घूमते-फिरते और डोलते-डालते आया हूँ3 यहोवा ने शैतान से पूछा, क्या तू ने मेरे दास अय्यूब पर ध्यान दिया है कि पृथ्वी पर उसके तुल्य खरा और सीधा और मेरा भय मानने वाला और बुराई से दूर रहने वाला मनुष्य और कोई नहीं है? और यद्यापि तू ने मुझे उसको बिना कारण सत्यानाश करते को उभारा, तौभी वह अब तक अपनी खराई पर बना है4 शैतान ने यहोवा को उत्तर दिया, खाल के बदले खाल, परन्तु प्राण के बदले मनुष्य अपना सब कुछ दे देता है5 सो केवल अपना हाथ बढ़ाकर उसकी हड्डियां और मांस छू, तब वह तेरे मुंह पर तेरी निन्दाकरेगा6 यहोवा ने शैतान से कहा, सुन, वह तेरे हाथ में है, केवल उसका प्राण छोड़ देना7 तब शैतान यहोवा के साम्हने से निकला, और अय्यूब को पांव के तलवे से ले सिर की चोटी तक बड़े बड़े फोड़ों से पीड़ित किया
शैतान का मानना है कि यीशु परमेश्वर है
प्रेरितों के काम 19:15-16 पर दुष्टात्मा ने उत्तर दिया, कि यीशु को मैं जानती हूं, और पौलुस को भी पहचानती हूं; परन्तु तुम कौन हो16 और उस मनुष्य ने जिस में दुष्ट आत्मा थी; उन पर लपक कर, और उन्हें वश में लाकर, उन पर ऐसा उपद्रव किया, कि वे नंगे और घायल होकर उस घर से निकल भागे
2 कुरिन्थियों 11:13-15 क्योंकि ऐसे लोग झूठे प्रेरित, और छल से काम करने वाले, और मसीह के प्रेरितों का रूप धरने वाले हैं। 14 और यह कुछ अचम्भे की बात नहीं क्योंकि शैतान आप भी ज्योतिमर्य स्वर्गदूत का रूप धारण करता है। 15 सो यदि उसके सेवक भी धर्म के सेवकों का सा रूप धरें, तो कुछ बड़ी बात नहीं परन्तु उन का अन्त उन के कामों के अनुसार होगा
याकूब 2:19-20 तुझे विश्वास है कि एक ही परमेश्वर है: तू अच्छा करता है: दुष्टात्मा भी विश्वास रखते, और थरथराते हैं20 पर हे निकम्मे मनुष्य क्या तू यह भी नहीं जानता, कि कर्म बिना विश्वास व्यर्थ है
सात उपकरण उपकरण, शैतान के
1 ढोंग(Pretentioness)..अपने आप को अपने से अधिक महत्वपूर्ण या चतुर दिखाने की कोशिश करने का गुण:
2 सोलिपिस्म(Solipcism).. यह विचार या सिद्धांत कि स्वयं के अस्तित्व के बारे में ही जाना जा सकता है। आत्म-केंद्रित या स्वार्थी होने का गुण।
3 आत्म कपट(Self deciet).. स्वयं से झूठ नहीं
4 नायक की पुष्टि(Hero confirmity)..... अनुरूपता की दुनिया में एक नायक की तरह रहना हम अपने जीवन में अनुकरण करने के लिए काल्पनिक और वास्तविक दुनिया के नायकों को आदर्श के रूप में देखते हैं। वे अपने व्यक्तिगत राक्षसों पर विजय प्राप्त करते हैं, खड़े होते हैं
5 परिप्रेक्ष्य का अभाव (Lack of perspective).... तीव्र मानसिक दृष्टि या विवेक। अस्पष्ट: किसी ऐसे व्यक्ति का वर्णन करने वाला विशेषण जिसमें परिप्रेक्ष्य या "तीव्र मानसिक दृष्टि या विवेक" का अभाव हो
6 काउंटर प्रोडक्टिव प्रोडक्(Counter productive prode)...कोई ऐसी चीज जो अनुत्पादक होती है, उस परिणाम से विपरीत परिणाम प्राप्त करती है जिसे आप प्राप्त करना चाहते हैं। व्यवहार में, हालांकि, ऐसा रवैया अनुत्पादक होता है।
7 सौंदर्यशास्त्र की कमी(Lack of aesthetics) ....सौंदर्यशास्त्र, या सौंदर्यशास्त्र दर्शनशास्त्र की एक शाखा है जो सुंदरता और स्वाद की प्रकृति के साथ-साथ कला के दर्शन (अपने स्वयं के क्षेत्र

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