मत्ती 4:19-20: "यीशु का बुलावा और शिष्यों का प्रत्युत्तर"

5 months ago
8

मत्ती 4:19-20: "यीशु का बुलावा और शिष्यों का प्रत्युत्तर"
पृष्ठभूमि:

मत्ती अध्याय 4 में, यीशु गलील के सागर के किनारे चल रहे थे, जहां उन्होंने शमौन (जिसे पतरस भी कहा जाता है) और उसके भाई अन्द्रियास को मछलियाँ पकड़ते हुए देखा। ये पद बताते हैं कि कैसे यीशु ने उन्हें अपने पीछे आने का निमंत्रण दिया और कैसे उन्होंने तत्काल प्रत्युत्तर दिया।

पद:

मत्ती 4:19-20 (HIN):
"19 और उसने उन से कहा, 'मेरे पीछे चले आओ, तो मैं तुम्हें मनुष्यों के मछुवारे बनाऊँगा।' 20 तब वे तुरन्त जाल छोड़कर उसके पीछे हो लिए।"

विवरण:
यीशु का बुलावा (पद 19):

सीधे निमंत्रण: यीशु ने शमौन और अन्द्रियास से कहा, "मेरे पीछे चले आओ," जो एक सीधा और स्पष्ट निमंत्रण था।
नए उद्देश्य का प्रस्ताव: "मैं तुम्हें मनुष्यों के मछुवारे बनाऊँगा," इस कथन का अर्थ है कि वे अब मछलियाँ नहीं बल्कि लोगों को ईश्वर के राज्य में लाने के लिए कार्य करेंगे। यह उनके जीवन का उद्देश्य और कार्य बदलने का एक महत्वपूर्ण संकेत था।
शिष्यों का प्रत्युत्तर (पद 20):

तत्काल प्रत्युत्तर: शमौन और अन्द्रियास ने तुरंत अपने जाल छोड़ दिए, जो दर्शाता है कि उन्होंने बिना किसी हिचकिचाहट या देरी के यीशु के बुलावे का पालन किया।
समर्पण: उन्होंने अपने आजीविका के साधनों और पिछले जीवन को छोड़ दिया, जो उनकी पूरी निष्ठा और समर्पण को दर्शाता है। यह उनके विश्वास और यीशु के प्रति उनकी पूर्ण भक्ति को इंगित करता है।
व्यापक महत्व:
आह्वान और प्रत्युत्तर:

आह्वान का महत्व: यीशु का बुलावा शमौन और अन्द्रियास के जीवन में एक महत्वपूर्ण मोड़ था। यह दिखाता है कि यीशु अपने शिष्यों को बुलाने के लिए व्यक्तिगत रूप से जाते हैं और उन्हें एक नया उद्देश्य देते हैं।
प्रत्युत्तर की तत्परता: शिष्यों का तत्काल प्रत्युत्तर उनकी विश्वास की गहराई और उनकी तत्परता को दर्शाता है। यह हमें सिखाता है कि हमें भी ईश्वर के आह्वान का पालन करने के लिए तैयार रहना चाहिए।
परिवर्तन और उद्देश्य:

जीवन का परिवर्तन: यीशु के साथ चलने का निमंत्रण उनके जीवन में एक महत्वपूर्ण परिवर्तन लाया। वे अब मछुआरे से "मनुष्यों के मछुवारे" बन गए, जो उन्हें एक नई भूमिका और उद्देश्य प्रदान करता है।
ईश्वर के कार्य में भागीदारी: यह पद दिखाता है कि यीशु अपने शिष्यों को अपने कार्य में भागीदार बनाते हैं। यह हमें सिखाता है कि ईश्वर हमें भी अपने कार्य के लिए बुलाते हैं और हमें अपने उद्देश्यों को पूरा करने के लिए सशक्त बनाते हैं।
व्यक्तिगत प्रतिबिंब:
मत्ती 4:19-20 हमें सिखाता है कि जब ईश्वर हमें बुलाते हैं, तो हमें बिना हिचकिचाहट और देरी के उनका अनुसरण करना चाहिए। यह हमें अपने जीवन के उद्देश्य को पुनः मूल्यांकन करने और ईश्वर के कार्य में भागीदारी करने के लिए प्रेरित करता है। यह पद हमें याद दिलाता है कि हमारे जीवन का सच्चा उद्देश्य ईश्वर की सेवा और उनके राज्य को फैलाने में है।#secret of faith and mercy in jesus christ.
#shivam Sonkhare, #Filadelfia Music,#Yeshua Ministries,#THE LORD IS GRACIOUS,#HOUSE OF GOD.#Masih Network,#Holy Spirit Productions,#BIBLE WORLD,#Mode of Salvation,#
सर्वशक्तिमान परमेश्वर की कलीसिया,#Masih Network,#Karan bhai ka chenel,#Preach The Word Deepak,#Masih NetworkAcharya Vikas Massey
#Prophet Shepherd Bushiri, #Akanesi Nofomamau,#Pastor Alph Lukau,#Prophet Shepherd Bushiri,#Ruth Emmanuel-Makandiwa,#Pastor. T Global,#Prophet Martinien Elamenji,#Eloh,#TB Joshua,#King David Omale,#Prophet junior Jeremiah,#Prophet Jeremiah Omoto Fufeyin,#CHRIST TV,#Apostle Suleman,#Benny Hinn ,#BringBackTheCross,#TB Joshua,#mightymiracles,#WatchPastorChris ,#Living Faith Church Worldwide,#PROPHET JEREMIAH OMOTO FUFEYIN.,#Christ Mercyland,#David Ibiyeomie,#Pastor Alph Lukau,#
Uebert Angel,#

Loading comments...