"याकूब की वंशवृद्धि: प्रतिद्वंद्विता, समझौते और आशीर्वाद" उत्पत्ति 30 |

3 months ago
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उत्पत्ति 30:1-43 एक समृद्ध और जटिल अध्याय है जो याकूब, उसकी पत्नियाँ (लीआ और राहेल), उनके बच्चे, और याकूब की संपत्ति में हुई वृद्धि पर केंद्रित है। इस अध्याय में पारिवारिक गतिशीलता, ईश्वर की आशीर्वाद, और याकूब की बुद्धिमत्ता के कारण उसकी समृद्धि की कहानी को दर्शाया गया है। आइए इसे विस्तार से देखें:

1. याकूब की पत्नियों की प्रतिस्पर्धा (आयत 1-24)
राहेल की संतान की इच्छा (आयत 1-8)
राहेल, जो याकूब की प्रिय पत्नी है, अपनी बहन लीआ से ईर्ष्या करती है क्योंकि लीआ के कई बच्चे हो चुके हैं जबकि वह बाँझ है। वह याकूब से कहती है कि अगर उसे बच्चे नहीं हुए तो वह मर जाएगी।
याकूब राहेल को बताता है कि यह ईश्वर के हाथ में है कि वह गर्भवती हो सकती है या नहीं।
राहेल अपनी दासी बिल्हा को याकूब को देती है ताकि वह उसके माध्यम से बच्चे पा सके। बिल्हा से राहेल के दो बेटे, दान और नप्ताली, होते हैं।
लीआ की प्रतिक्रिया (आयत 9-13)
जब लीआ देखती है कि वह और बच्चे पैदा नहीं कर सकती, तो वह अपनी दासी जिल्पा को याकूब को देती है। जिल्पा के माध्यम से लीआ के दो और बेटे, गाद और आशेर, होते हैं।
लीआ की और संतानें (आयत 14-21)
एक दिन, लीआ का बेटा रूबेन कुछ 'दूधी' (mandrakes) लेकर आता है, जिसे प्रजनन बढ़ाने में सहायक माना जाता था।
राहेल वह दूधी चाहती है और इसके बदले याकूब को लीआ के साथ रात बिताने देती है। इसके परिणामस्वरूप, लीआ के और दो बेटे, इस्साकार और जेबुलुन, और एक बेटी, दीनाह, होते हैं।
राहेल का गर्भवती होना (आयत 22-24)
अंततः, ईश्वर राहेल की प्रार्थनाओं का उत्तर देता है और वह गर्भवती होती है। वह यूसुफ को जन्म देती है।
2. याकूब और लाबान के बीच का समझौता (आयत 25-43)
याकूब का लौटने का निर्णय (आयत 25-34)
यूसुफ के जन्म के बाद, याकूब अपने परिवार को लेकर अपने पैतृक घर लौटना चाहता है।
लाबान, जो याकूब की सेवा से अत्यधिक लाभान्वित हुआ है, उसे रोकने की कोशिश करता है और उसे किसी प्रकार का वेतन देने की पेशकश करता है।
याकूब एक समझौता करता है: वह लाबान के झुंड से धब्बेदार और धारीदार भेड़-बकरियों को लेने की बात करता है, जो आमतौर पर कम मूल्यवान मानी जाती थीं।
याकूब की बुद्धिमत्ता और समृद्धि (आयत 35-43)
याकूब अपनी समझदारी से लाबान की भेड़ों के झुंड को बढ़ाता है और अपनी शर्तों पर ही अधिकतर धब्बेदार और धारीदार पशुओं को प्राप्त करता है।
इसके लिए याकूब एक अनोखा तरीका अपनाता है: वह भेड़ों के सामने धारीदार लकड़ियों को रखता है जब वे पानी पीने के लिए आती हैं, जिससे अधिकतर जन्मे पशु धारीदार और धब्बेदार होते हैं।
इस प्रक्रिया के माध्यम से, याकूब की संपत्ति तेजी से बढ़ती है, और वह अत्यधिक धनी हो जाता है।
अध्याय की मुख्य थीम्स
प्रतिद्वंद्विता और संघर्ष: याकूब की पत्नियों, राहेल और लीआ, के बीच की प्रतिस्पर्धा और उनके बच्चे प्राप्त करने की कोशिशें।
आशीर्वाद और ईश्वर की कृपा: राहेल की प्रार्थना का उत्तर और याकूब की बुद्धिमत्ता से संपत्ति में वृद्धि, ईश्वर की कृपा को दर्शाती है।
याकूब की धैर्यता और चतुराई: याकूब का लाबान के साथ किया गया समझौता और अपनी संपत्ति को बढ़ाने का तरीका उसकी धैर्यता और चतुराई को उजागर करता है।
इस अध्याय में परिवार, ईश्वर के आशीर्वाद, और आर्थिक संघर्ष की जटिलताओं को बहुत ही सजीव रूप से प्रस्तुत किया गया है।
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