IPC 302 और 304 में फर्क क्या है? जानें पूरी डिटेल | तीन सौ दौ और तीन सौ चार - जेल के अंदर की कहानी |

1 year ago
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इस वीडियो ट्रांसक्रिप्शन में एक व्यक्ति ने तीन सौ दौ और तीन सौ चार के बीच का अंतर समझाया है। उन्होंने एक उदाहरण दिया है जिसमें वे दिखाते हैं कि कैसे एक व्यक्ति की मौत का इरादा नहीं होता है, लेकिन उसके कार्यों से उसे दोषी ठहराया जा सकता है। इससे स्पष्ट होता है कि इंसान के कार्यों का महत्व होता है। वीडियो में इस विषय पर विचार किया गया है।

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