यीशु का चमत्कार पांच रोटियाँ और दो मछलियाँ

1 month ago
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एक दिन, यीशु अपने शिष्यों के साथ एक पहाड़ी पर लोगों को उपदेश दे रहे थे। वहां एक बड़ी भीड़ इकट्ठी हो गई थी, जिसमें पांच हजार से अधिक लोग थे। शाम हो रही थी और लोग भूखे थे। यीशु ने अपने शिष्यों से कहा, "इन लोगों को भोजन दो।"

शिष्यों ने उत्तर दिया, "हमारे पास तो केवल पांच रोटियाँ और दो मछलियाँ हैं। इतने लोगों के लिए यह भोजन कैसे पर्याप्त होगा?"

यीशु ने लोगों को समूहों में बैठने को कहा। फिर उन्होंने पांच रोटियाँ और दो मछलियाँ लीं, स्वर्ग की ओर देखा और भगवान का धन्यवाद किया। इसके बाद उन्होंने रोटियाँ और मछलियाँ तोड़ीं और शिष्यों को दिया कि वे लोगों में बाँट दें।

जैसे-जैसे शिष्य रोटियाँ और मछलियाँ बांटते गए, भोजन चमत्कारिक रूप से बढ़ता गया। सभी लोग खा-पीकर तृप्त हो गए। जब शिष्यों ने बचे हुए टुकड़े इकट्ठा किए, तो बारह टोकरे भर गए।

इस चमत्कार से लोगों ने देखा कि यीशु के पास अद्भुत शक्ति है और वे सचमुच भगवान के पुत्र हैं। यह कहानी हमें सिखाती है कि भगवान की कृपा और आशीर्वाद से सभी आवश्यकताएँ पूरी हो सकती हैं, चाहे संसाधन कितने ही कम क्यों न हों।

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