"अब्राहम की आशीष और आज्ञाकारिता का प्रतिफल" उत्पत्ति 26:4,5

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उत्पत्ति 26:4,5 का हिंदी में विवरण:

इन पदों में परमेश्वर, इब्राहीम के पुत्र इसहाक से बात करते हैं और इब्राहीम के प्रति उनकी आज्ञाकारिता और विश्वास के कारण उसे दिए गए आशीर्वाद की पुनः पुष्टि करते हैं। परमेश्वर इसहाक से वादा करते हैं कि वे उसकी संतानों को अत्यंत बढ़ाएंगे और उन्हें आशीर्वाद देंगे, ठीक वैसे ही जैसे उन्होंने इब्राहीम को आशीर्वाद दिया था। यह आशीर्वाद इस बात का प्रमाण है कि इब्राहीम ने परमेश्वर की आज्ञाओं, विधियों, और व्यवस्थाओं का पालन किया था।

विस्तृत वर्णन:

पद 4: परमेश्वर ने इसहाक से कहा कि वे उसकी संतानों को आशीर्वाद देंगे और उसकी संतानों की संख्या को आसमान के तारों जितना बढ़ा देंगे। इसके साथ ही, वे उसकी संतानों को सभी देश दे देंगे, और उसकी संतानों के द्वारा पृथ्वी की सभी जातियां आशीर्वाद पाएंगी। यह वचन इब्राहीम के साथ किए गए वचन का पुनरावलोकन है, जो बताता है कि यह आशीर्वाद इब्राहीम की वफादारी और परमेश्वर के प्रति उसकी आज्ञाकारिता के कारण मिल रहा है।

पद 5: इस पद में बताया गया है कि यह आशीर्वाद इब्राहीम की परमेश्वर के प्रति आज्ञाकारिता का प्रतिफल है। इब्राहीम ने परमेश्वर की बातों को सुना, उनकी आज्ञाओं का पालन किया, और उनके विधियों और व्यवस्थाओं को माना।

मुख्य बिंदु:

आशीर्वाद की पुनः पुष्टि: परमेश्वर ने इसहाक से वादा किया कि वे उसे और उसकी संतानों को आशीर्वाद देंगे, जैसा कि उन्होंने इब्राहीम से वादा किया था।
आज्ञाकारिता का प्रतिफल: इब्राहीम की परमेश्वर के प्रति वफादारी और आज्ञाकारिता का परिणाम उसके वंशजों को मिलने वाले आशीर्वाद के रूप में देखा जा सकता है।
परमेश्वर का वचन: परमेश्वर अपने वचनों और प्रतिज्ञाओं के प्रति वफादार हैं, और इब्राहीम का उदाहरण यह सिखाता है कि आज्ञाकारिता और विश्वास का कितना बड़ा महत्व है।
इस प्रकार, उत्पत्ति 26:4,5 में परमेश्वर द्वारा इसहाक को दिए गए आशीर्वाद और इब्राहीम की आज्ञाकारिता के कारण मिलने वाले प्रतिफल को दर्शाया गया है।

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