"दो राष्ट्रों की भविष्यवाणी" उत्पत्ति अध्याय 25 पद 23

27 days ago
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उत्पत्ति अध्याय 25 पद 23 (Genesis 25:23) में ईश्वर की ओर से रिबका को दी गई भविष्यवाणी का वर्णन है। यह पद उस समय का संदर्भ देता है जब रिबका गर्भवती होती है और उसके गर्भ में जुड़वां बच्चे होते हैं। जब वह गर्भ में बच्चों की हलचल से परेशान होती है, तो वह ईश्वर से प्रार्थना करती है। ईश्वर उसे जो उत्तर देते हैं, वह भविष्य में होने वाली महत्वपूर्ण घटनाओं की ओर संकेत करता है।

विवरण:

रिबका की परेशानी और प्रार्थना: रिबका गर्भ में बच्चों की अत्यधिक हलचल से चिंतित होती है और इसके कारण ईश्वर से मार्गदर्शन मांगती है।

ईश्वर की भविष्यवाणी: ईश्वर रिबका को बताते हैं:

"तेरे गर्भ में दो राष्ट्र हैं।"
"तेरे भीतर से दो जातियां निकलेंगी।"
"एक जाति दूसरी जाति से अधिक शक्तिशाली होगी।"
"बड़ा छोटा की सेवा करेगा।"
भविष्य की घटनाओं का संकेत: यह भविष्यवाणी बताती है कि रिबका के दो बेटे, एसाव और याकूब, दो अलग-अलग राष्ट्रों के पूर्वज बनेंगे। याकूब की संतान इस्राएल राष्ट्र का निर्माण करेगी और एसाव की संतान एदोम राष्ट्र का।

प्रथम और द्वितीय जन्म का महत्व: इस भविष्यवाणी में यह भी संकेत है कि यद्यपि एसाव बड़ा होगा, याकूब अधिक शक्तिशाली होगा और एसाव को उसकी सेवा करनी होगी। यह बाद में याकूब और एसाव के जीवन में सत्य साबित होता है, जब याकूब एसाव से उसका पहिलौठे का अधिकार और पिता की आशीर्वाद प्राप्त कर लेता है।

महत्व: इस पद में दी गई भविष्यवाणी न केवल रिबका के तत्काल प्रश्न का उत्तर देती है, बल्कि यह इस्राएल और एदोम राष्ट्रों के बीच होने वाले संबंधों और संघर्षों का भी आधार बनती है। यह पद इस बात का भी प्रतीक है कि ईश्वर की योजनाएं मानव की समझ और परंपराओं से परे होती हैं।

इस प्रकार, उत्पत्ति 25:23 का शीर्षक "दो राष्ट्रों की भविष्यवाणी" इस पद की गहरी और भविष्यसूचक संदेश को सही रूप से प्रस्तुत करता है।

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