आयुष्मान आरोग्य मंदिर, भगवान भरोसे, नाम बदला व्यवस्था पुराने ढर्रे की, देखिए खबर

2 months ago
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आयुष्मान आरोग्य मंदिर इस एक नाम को आप एक नहीं बल्कि एक हजार बार पढ़िए फिर सोचिए की क्या बदला, कुछ बदला या नहीं बदला. फिर पढ़ लीजिए. अब फिर देखिए क्या बदला. कुछ नहीं, जैसा था वैसा ही है. जी हां यह सच है कुछ इसी तरह के हालात प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र गोरेघाट के है. कुछ साल पहले इस केंद्र का नाम प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से बदलकर आयुष्मान आरोग्य मंदिर कर दिया गया है और अब नेताओं और सरकारी तंत्र ने इस मंदिर की जिम्मेदारी भगवान भरोसे छोड़ दी है. इस मंदिर में पूजारी यानी डॉक्टर नहीं है और भक्तों यानी की मरीजों का बुरा हाल है. जिला मुख्यालय बालाघाट से करीब 100 किमी. और अनुविभाग मुख्यालय कटंगी से करीब 50 किमी. दूर पठार अंचल के ग्राम गोरेघाट का यह स्वास्थ्य केंद्र चिकित्सक और जरूरी संसाधनों की कमी के चलते आज अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है. कहने को तो यह 40 बिस्तरों वाला अस्पताल है. मगर, यहां 10 बिस्तर भी बराबर नहीं है. खैर, बिस्तर कितने भी हो इस बात से कोई खास फर्क इसीलिए भी नहीं पड़ता क्योंकि यहां चिकित्सक ही नहीं है. गोरेघाट सहित अन्य आस-पास गांवों के ग्रामीणों ने बताया कि उन्हें उपचार के लिए महकेपार, तिरोड़ी, कटंगी, महाराष्ट्र के गोबरवाही, तुमसर और भंडारा जाना पड़ता है. जिसमें आर्थिक और मानसिक कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है. खासतौर से प्रसूति महिलाओं को परेशानी होती है. आयुष्मान आरोग्य मंदिर की परिकल्पना यहीं से फेल होते दिखाई देती है जब प्रसुति महिलाओं को इलाज और प्रसव कराने के लिए भटकना पड़ता है.

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