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9 months ago
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कुरान में नबीओं के नाम पर तीन सूरह आई हैं, उन नबीओं के नाम की सूरह में एक बहुत ही कमाल का mathematical पैटर्न छिपा है, जैसा कि अरबी ज़बान में हर लफ़्ज़ की अब्ज़ीद वैल्यू होती है, जो कि आप इस टेबल पर देख सकते हैं। अगर हम लफ़्ज़ "मुहम्मद" की अब्ज़ीद वैल्यू कैलकुलेट करें, तो यह 38 बनती है, लेकिन कमाल की बात यह है कि कुरान में मेरे नबी हज़रत मुहम्मद सल्ललाहु अलैहि वसल्लम के नाम पर, एक सूरह है जिसका नाम है सूरह मुहम्मद, सूरह मुहम्मद में टोटल आयतें भी 38 ही हैं, इसी तरह लफ़्ज़ इब्राहीम की अब्ज़ीद वैल्यू 52 बनती है, और सूरह इब्राहीम में टोटल आयतें भी 52 ही हैं, इतना ही नहीं, हज़रत नूह अलैहिस्सलाम के नाम, नूह की अब्ज़ीद वैल्यू 28 बनती है, और सूरह नूह में टोटल आयतें भी 28 ही हैं। आज आप कुरान के इस कमाल के पैटर्न को जानकर, अपना सिर पकड़ लोगे, तो तैयार हो जाओ कुरान के इंक्रेडिबल पैटर्न जानने के लिए, नंबर एक, कुरान में कलर्ज़ का लफ़्ज़ सात बार आया है, और आप यह जानकर हैरान हो जाएंगे कि लाइट स्पेक्ट्रम में टोटल कलर्ज़ भी सात ही होते हैं, कुरान की सबसे पहली सूरह, जिसमें लफ़्ज़ कलर्ज़ आया है, वह सूरह नहल है, अगर आप गौर करोगे तो इस सूरह में लफ़्ज़ कलर्ज़ से पहले भी पूरे सात लफ़्ज़ आते हैं, और इस के बाद भी पूरे सात लफ़्ज़ आते हैं, और इस आयत में टोटल लेटर्स फोर्टी नाइन आते हैं, और आपको यह तो अच्छे से पता होगा कि सात को सात से मल्टिप्लाई करने से ही फोर्टी नाइन बनता है, क्या कमाल का पैटर्न है, नंबर दो, कुरान में एक सूरह है, जिसका नाम सूरह अल-खफ है, इस सूरह में अल्लाह ने एक वाक़िया बयान किया है, जहां कुछ लोगों को अल्लाह एक ग़ार में, तीन सौ नौ सालों के लिए सूला देता है, याद रखना तीन सौ नौ साल, इस सूरह में लफ़्ज़ "लब्सो" लिया ग

या है, जिस का मतलब होता है "वह वहीं ठहरे थे", जो कि इस ग़ार में ठहरे लोगों के बारे में है, कमाल की बात यह है कि इस सूरह में पहली बार जब "लब्सो" लफ़्ज़ आया था, इस से ले कर आख़िरी "लब्सो" लफ़्ज़ तक टोटल तीन सौ नौ अल्फाज़ आते हैं,

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