भगवद गीता: अध्याय 2 | Bhagawad Geeta |Chapter 2 | - अर्जुन की असमर्थता और श्री कृष्ण का मार्गदर्शन

4 months ago
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यह अध्याय भगवद गीता के महत्वपूर्ण भागों में से एक है जिसमें अर्जुन अपनी असमर्थता को स्वीकार करते हुए युद्ध करने के लिए तैयार नहीं हैं। उन्होंने श्री कृष्ण से अपने असमर्थता को दूर करने के लिए मार्गदर्शन मांगा। भगवान ने उन्हें आत्मा के अमरत्व के बारे में शिक्षा दी और उन्हें बताया कि आत्मा शरीर के त्याग के बाद भी अमर है। यह अध्याय आत्मा की अनंत जीवन प्रक्रिया को समझाने के लिए महत्वपूर्ण है।

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