अपने ही हाथ को अभिमंत्रित करके करें शत्रु नाश

1 year ago
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सूर्यग्रहण होते ही ये मन्त्र जपना शुरू कर दें. उससे पहले लोबान जलाकर अपने पास चमेली के फूल रख लें. बैठने के लिए एक शांत निर्जन स्थान चुन लें.(स्थान पर छत हो. ग्रहण के समय सूर्य को न देखें). ग्रहण ख़त्म होने से पहले जाप ख़त्म कर दें. उसके बाद कभी भी एक हजार एक बार जप कर अपने हाथ को इसे प्रयोग करने की शक्ति दे दें. अब इस हाथ से शत्रु पर वार करेंगे तो वो बर्बाद होगा किन्तु प्यार से स्पर्श करेंगे तो शत्रुता समाप्त भी कर सकते हैं.

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