हमें सपने क्यों दिखाई देते हैं

10 months ago

सपनों का भी अपना संसार है. हमें लगता है ये कल्पना का संसार है. इसमें हम वो सारे काम कर सकते हैं जो हम अपने वास्तविक जीवन में कभी सोच भी नहीं पाते. सपने हर तरह के होते हैं, सुहाने भी और डरावने भी.बिस्तर पर पड़ते ही, नींद गहराते ही हम सपनों की दुनिया में विचरने लगते हैं. ये सपने कहाँ बंद रहते हैं जो नींद आरम्भ होते ही खुल जाते हैं. उस रहस्यमयी दुनिया के बारे में जानते हैं आज.

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