कबीर धाणक (जुलाहा) करतार है | प्रत्यक्ष दृष्टा - बाबा नानक देव जी (सिख धर्म के प्रवर्तक)
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Sant Rampal Ji Maharaj
2 years agoसंत रामपाल जी के बारे में कबीर जी, भक्त प्रह्लाद, फ्लोरेंस, नास्त्रेदमस व जयगुरुदेव की भविष्यवाणि
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Sant Rampal Ji Maharaj
1 year agoसंत रामपाल जी के सानिध्य में दिनांक 7, 8 और 9 नवंबर 2022 को 509वां दिव्य धर्म यज्ञ दिवस का आयोजन
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Satlok Ashram
1 year agoदिव्य धर्म यज्ञ | औह खाकी खंजूस पुर, अन्नजल ना अधिकार। गरीबदास ऐसे कह्या, सुन तूं कबीर सिरजनहार।।
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Satlok Ashram
1 year agoदिव्य धर्म यज्ञ | सौ योजन पर लगत है, या दुनियां की गंध । गरीबदास केशव कहै, हाड चाम का फंद ।।
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Satlok Ashram
1 year agoदिव्य धर्म यज्ञ | चौपड़ के बैजार फिर कर, आये केशव पास। गरीबदास कुर्बान गति, क्या क्या कहूँ विलास।।
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Satlok Ashram
1 year agoदिव्य धर्म यज्ञ | सुन कबीर मन भावने, तुमरी बात अगाध। गरीबदास केशव कहै, तुम से तुम ही साध।।
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Satlok Ashram
1 year agoदिव्य धर्म यज्ञ | हाड चाम की नाक है, हाड चाम का मुख। गरीबदास केशव कहै, तज कबीर यौह रुख।।
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Satlok Ashram
1 year agoदिव्य धर्म यज्ञ | सिमटा भेष इकट्टा हुआ, काजी पंडित माहीं । गरीबदास चिठ्ठा फिर्या, जंबूदीप सब ठाहीं
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Satlok Ashram
1 year agoदिव्य धर्म यज्ञ | हम अमान अबिगत पुरुश, चुंबक ज्यूं चमकार। गरीबदास लोहा फिरै, हमरे अधर आधार।।
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Satlok Ashram
1 year agoदिव्य धर्म यज्ञ | याह पौहमी है छार की, मुर्द फरोशी पिंड। गरीबदास केशव कहै, चरण धरे सिर डंड।।
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