गोवर्धन पूजा ।। सनातन त्यौहार।।

5 months ago
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पौराणिक मान्यताओं के अनुसार मान्यता है कि इंद्र का घमंड चूर करने और ब्रजवासियों की रक्षा के लिए भगवान श्रीकृष्ण ने अपनी दिव्य शक्ति से विशाल गोवर्धन पर्वत को छोटी अंगुली में उठा लिया था और हजारों जीव-जतुंओं और मनुष्‍यों की रक्षा की थी. भगवान कृष्‍ण ने देवराज के घमंड को तोड़ कर गोवर्धन पर्वत की पूजा की थी।।

गोवर्धन पूजा, दिवाली के अगले दिन मनाई जाती है.
इस दिन भगवान श्रीकृष्ण और गोवर्धन पर्वत की पूजा की जाती है. पौराणिक कथाओं के अनुसार, इस दिन भगवान श्रीकृष्ण ने अपनी छोटी उंगली पर गोवर्धन पर्वत उठाकर ब्रजवासियों को भगवान इंद्र के प्रकोप से बचाया था. इसके साथ ही इंद्र को उनकी गलती का एहसास भी करवाया था.
गोवर्धन पूजा मनाने की परंपरा इस वजह से शुरू हुई:
मान्यता है कि इस दिन भगवान श्रीकृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को अपनी कनिष्ठा पर उठाकर इंद्रदेव के प्रकोप से सभी बृजवासियों की रक्षा की थी.
भगवान कृष्ण ने देवताओं के राजा इंद्र के घमंड को तोड़ने और गोकुल के लोगों को उनके क्रोध से बचाने के लिए गोवर्धन पर्वत उठाया था.
श्री कृष्ण ने एक दिन में आठ बार भोजन ग्रहण करते थे और इंद्रदेव के प्रकोप से बृजवासियों की रक्षा करने के दौरान श्री कृष्ण ने 7 दिन तक गोवर्धन पर्वत को बिना कुछ खाए पिए पकड़े खड़े रहे.
तब उन्होंने लोगों को इंद्र की पूजा की जगह गाय की पूजा करने को कहा था. दरअसल ब्रज वृंदावन में लोग इंद्र देव की पूजा किया करते थे.
गोवर्धन पूजा को अन्नकूट भी कहा जाता है. यह पर्व उत्तर भारत, विशेषकर मथुरा क्षेत्र में बहुत ही धूमधाम और उल्लास के साथ मनाया जाता है।।

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