गोलू देवता की कहानी। Golu Devta Story In Hindi | गोलू देवता की प्रसिद्ध कथा।

11 months ago
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गोलू देवता की कहानी। Golu Devta Story In Hindi | गोलू देवता की प्रसिद्ध कथा।
गोलू देवता को न्याय का देवता माना जाता है, और उन्हें उत्तराखंड राज्य के कुमाऊँ क्षेत्र में अपने ईस्ट देवता के रूप में पूजा जाता है। गोलू देवता या भगवान गोलू की प्रसिद्धि ना सिर्फ उत्तराखंड में ही है, बल्कि आज गोलू देवता के आशीर्वाद से देश-विदेश के लोगों की मनोकामना पूर्ति के बाद उनकी प्रसिद्धि विश्व विख्यात हो गई है।

लोग देश विदेश से आकर गोलू देवता के दरबार में अपनी मनोकामना मांगते हैं, और भगवान गोलू भी अपने भक्तों की मनोकामना पूर्ति कर उन्हें कभी निराश नहीं करते। कुमाऊँ क्षेत्र के अल्मोड़ा स्थित स्थान से मात्र आधे घंटे की दुरी पर भगवान गोलू का प्रख्यात चित्तई गोलू मंदिर अपने में एक अनोखा मंदिर है। यह घंटी वाले मंदिर के नाम से भी प्रचलित है।

यहाँ भगवान गोलू के सामने अपनी मनोकामना मांगने के लिए लोग अर्जी लगाते हैं। ऐसा माना जाता है, की गोलू देवता अपने भक्तो की अर्जी पढ़ते हैं, और उसी अनुसार उन्हें मनवांछित फल प्रदान करते हैं। एक बार जब भक्तों की मनोकामना पूरी हो जाती है, तो भेंट स्वरूप भक्त यहाँ पर घंटी चढ़ाते हैं, और इसी लिए यहाँ हजारों की संख्या में घंटियाँ लटकी दिखती हैं।

गोलू देवता को गौर भैरव (भगवान शिव) का अवतार माना जाता है, जो अपने भक्तों के बीच तुरंत न्याय देने के लिए प्रसिद्ध हैं। उनके प्रति भक्तों का अटूट विश्वास ही है, जो उन्हें दूर-दूर से यहाँ खींच लाता है, और लोग अपनी प्राथना, अपनी इच्छा या समस्या गोल्ज्यू के सामने प्रकट करते हैं, जिसका निदान होना पक्का है।

न्याय के देवता गोलू देव से जुड़ी एक लोककथा प्रचलित है, तो चलिए गोलू देवता की कहानी (Golu Devta Story In Hindi) जानते हैं, कैसे उनका जन्म हुवा, और क्यों उन्हें न्याय का देवता कहा जाता है।

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