Kho Gaya Mera Hindustan खो गया मेरा हिन्दुस्तान (हिंदी गीत)

2 years ago
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ये गीत आपके दिल को छू लेगा. कवि के दिल से इक आह सी उठती हैं जब वो पुराने भारत या हिन्दुस्तान को ढूंढ़ता है पर वो उसको कहीं भी नहीं मिलता. वो उस समय का हिंदुस्तान खोज रहा है जब सभी धर्मो के लोग एक साथ मिलजुल कर रहते थे और सभी तीज त्यौहार इकट्ठे मनाते थे.

चारों तरफ, नदियों, प्रकृति, और चिड़ियों का संगीत हुआ करता था और लोगों की बानी में मिठास होती थी और वो सभी एक दूसरे को गले से लगाते थे. लोग पीर फकीरों, साधू संतों, और महापुरुषों का बहुत सम्मान करते थे.

इस कविता में कवि एक प्रकार की याचना कर रहा है एक याचक के रूप में के उसके हिन्दुस्तान को फिर से पहले जैसा बना कर उसको दिखा दो.

सारे धर्मो की था शान
जिसको गुरुओं पर था मान
खो गया मेरा हिन्दुस्तान
मैं उसको ढूंढा फिरूँ हूँ.....

राम कृष्ण का जन्मस्थान
गुरु गोबिंद थे जिसकी शान
जहाँ पर बुद्ध किये थे ध्यान
वो था इक पूरा हिन्दुस्तान
मैं उसको ढूंढा फिरूँ हूँ.....

श्लोक गुरबाणी प्रेयर अज़ान
कितने जिस्म पर इक थी जान
जहां था बुजुर्गों का सम्मान
हरे थे खेत और खलिहान
मैं उसको ढूंढा फिरू हूँ....

गाते ग़ज़लें माहिये गीत
दिलो में होती थी वो प्रीत
जहां था चिड़ियों का संगीत
गंगा जमना की तहज़ीब
मैं उसको ढूंढा फिरू हूँ....

जहाँ थे नानक तुलसी कबीर
कितने संत गुरु पीर फ़कीर
गाते थे लोग दिलों से हीर
बांटते इक दूजे की पीर
मैं उसको ढूंढा फिरू हूँ....

जहां था गुरुओं का सत्कार
हर तरफ होता था बस प्यार
सांझे थे सारे तीज त्यौहार
लाओ वो भारत फिर इक बार
मैं उसको ढूंढा फिरू हूँ....

सारे धर्मो की था शान
जिसको गुरुओं पर था मान
खो गया मेरा हिन्दुस्तान
मैं उसको ढूंढा फिरूँ हूँ.....

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