Mausam E Bahaar मौसम-ए-बहार Gazal

1 year ago
7

ज़िंदगी कितनी ख़ुश-गवार है आज
हर तरफ़ मौसम-ए-बहार है आज

दिल का हर ज़ख़्म आज रौशन है
कितना पुर-सोज़ इंतिज़ार है आज

उन की तस्वीर बात करती है
हिज्र की शब भी साज़गार है आज

कैफ़ियत दिल की पूछते हो क्या
महव-ए-दीदार हुस्न-ए-यार है आज

तज़्किरा कल का क्या मुक़द्दर है
उन की बातों पे ए'तिबार है आज

ज़िंदगी कितनी ख़ुश-गवार है आज
हर तरफ़ मौसम-ए-बहार है आज

"Poetry is when an emotion has found its thought and the thought has found words."

"कविता तब होती है जब भावना को उसका विचार मिल जाता है और विचार को शब्द मिल जाते हैं।"

Loading comments...