यदि आप रक्षाबंधन raksha bandhan मनाने को लेकर तारीख को सोच रहे है तो ये Video एक बार जरूर देखे

1 year ago
14

30 अगस्त २०२३ को पूर्णिमा प्रातः 10:58 से शुरू होगी साथ ही भद्र भी लग जाएगी जिसका समापन रात्रि 9:01 पर होगा अतः लोकाचार्य के तहत रात्रि में रक्षाबंधन जैसे त्योहार नहीं मनाए जाते।
ऐसे में निर्णय सिंधू कहता है कि भगवान ‘सूर्य’ जिस तिथि को प्राप्त कर उदय होते है। वह तिथि स्नान-दान आदि कृत्यों में उचित है। यदि अस्त समय में भगवान ‘सूर्य’ दस घटी पर्यन्त रहते है, तो वह तिथि रात-दिन समझनी चहिये। अगले दिन 31 अगस्त गुरुवार को सूर्योदय प्रात 05 : 58 : 27 बजे हो रहा और पूर्णिमा प्रात 07:05:25 बजे तक रहेगी इसलिए रक्षाबंधन 07:05 से पहले मना लिया जाए तो उत्तम होगा। स्थान के अनुसार समय में कुछ अंतर आ सकता है |

दिन और तिथि में फर्क :-
“एक होता है दिन और एक होती है तिथि”। दिन का निर्धारण सूर्य की गति पर आधारित है और तिथि का निर्धारण चंद्र की गति पर आधारित है। जब हम हिन्दू पंचांग की बात करते हैं तो उसमें दिन, तिथि, नक्षत्र, करण और योग का समावेश करके ही किसी व्रत, त्योहार या मंगल कार्य का निर्धारण करते हैं। दिन को आप यहां वार समझे।
तिथि का संबंध चंद्र की गति से होता है जो घटती और बढ़ती रहती है। दिन का संबंध सूर्य से होता है। ज्योतिषानुसार सूर्योदय से अगले दिन के सूर्योदय के बीच के काल को दिन कहते हैं जिसमें लगभग 12 घंटे का दिन और 12 घंटे की रात होती है।

चित्रः केतुः प्रभानाभान्त् संभान् ।
ज्योतिष्मंस्-तेजस्वानातपंस्-तपन्न्-अभितपन् ।
रोचनो रोचमानः शोभनः शोभमानः कल्याणः ।
दर्शा दृष्टा दर्शता विष्वरूपा सुर्दर्शना ।
आप्य्-आयमाणाप्यायमानाप्याया सु-नृतेरा ।
आपूर्यमाणा पूर्यमाणा पूर्यन्ती पूर्णा पौर्णमासी ।
दाता प्रदाताऽनन्दो मोदः प्रमोदः ॥ १०.१.१ ॥
शतपथ ब्राह्मण में एक दिन के पन्द्रहवें भाग
(१/१५) को 'मुहूर्त' की संज्ञा दी गयी है।

मुहूर्त को लेकर मुहूर्त मार्तण्ड, मुहूर्त गणपति, मुहूर्त चिंतामणि, मुहूर्त पारिजात, धर्म सिंधु, निर्णय सिंधु आदि शास्त्र हैं। इसमें मुहूर्त के बारे में विस्तार से बताया गया है। दिन और रात को मिलाकर कुल 30 मुहूर्त होते हैं।
[1] 'श्रेष्ठ दिन' :- दिन और रात में दिन श्रेष्ठ है। वैदिक नियम अनुसार हर तरह का मंगल कार्य दिन में ही किया जाना चाहिए। अंतिम संस्कार और उसके बाद के क्रियाकर्म भी दिन में ही किए जाते हैं।
[2] 'मुहूर्तों के नाम' :- एक मुहूर्त 2 घड़ी अर्थात 48 मिनट के बराबर होता है। 24 घंटे में 1440 मिनट होते हैं। मुहूर्त सुबह 6 बजे से शुरू होता है:- रुद्र, आहि, मित्र, पितॄ, वसु, वाराह, विश्वेदेवा, विधि, सतमुखी, पुरुहूत, वाहिनी, नक्तनकरा, वरुण, अर्यमा, भग,गिरीश, अजपाद, अहिर, बुध्न्य, पुष्य, अश्विनी, यम, अग्नि, विधातॄ, क्ण्ड, अदिति जीव/अमृत, विष्णु, युमिगद्युति, ब्रह्म और समुद्रम।
*रुद्र में सभी प्रकार के मारणादि प्रयोग, भयंकर एवं क्रूर कार्य।
*श्वेत में नए वस्त्र धारण, बगीचा लगाना, कृषि कार्यो का आरंभ आदि या इसी तरह के अन्य कार्य करना चाहिए।
#rakshabandhan #muhurt #rakhi #sister #brother #happy #family #rakshabandhanspecial #photooftheday #brotherandsister #sisters #celebration #festival #bhai #photography #akshayjamdagni

Loading comments...