Hum Yari Nahi Rakhtey हम यारी नहीं रखते (Gazal)

1 year ago
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न हो जिस पे भरोसा उस से हम यारी नहीं रखते
हम अपने आशियाँ (घर) के पास चिंगारी नहीं रखते

फ़क़त नाम-ए-मोहब्बत पर हुकूमत कर नहीं सकते
जो दुश्मन से कभी लड़ने की तैयारी नहीं रखते

ख़रीदारों में रह कर के वो बिक भी जाते हैं
तिरे बाज़ार में जो लोग होशियारी नहीं रखते

बनाओ घर न मिट्टी के लब-ए-साहिल (समुन्दर के किनारे) ऐ नादानो
समुंदर तो किनारों से वफ़ादारी नहीं रखते

अना (अहंकार) को सख़्ती-ए-हालात अक्सर तोड़ देती है
इसी डर से कभी फ़ितरत (स्वभाव) में ख़ुद्दारी नहीं रखते

दर-ओ-दीवार से उन के भला क्या आएगी ख़ुश्बू
जो घर के सहन में फूलों की इक क्यारी नहीं रखते

फ़क़त लफ़्ज़ों से हम 'दाना' हुनर की दाद लेते हैं
क़लम वाले कभी शौक़-ए-अदाकारी नहीं रखते

न हो जिस पे भरोसा उस से हम यारी नहीं रखते
हम अपने आशियाँ के पास चिंगारी नहीं रखते

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