मुनि सेवा का फल & मुनिराज पर उपसर्ग करने का फल

11 months ago
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यह कथा है वृषभसेना के औषधदान की, शील और संयम की…
वृषभसेना पूर्वभवमें नागश्री नाम की एक लड़की थी। नागश्री ने अपनी अज्ञानता से मुनिराज पर घोर उपसर्ग किया। जब उसको मुनिराज का महत्व मालूम हुआ तब उसने बड़ी भक्ति से उनका वैयावृत्य किया, मुनिराज को औषधदान दिया। मुनिभक्ति का फल उसे अगले भव में मिला। जब वह अगले भव में वृषभसेना नाम की पुण्यशाली कन्या हुई, तब उसके स्नान के जल से लोगों के कठिन से कठिन रोग ठीक होने लगे। वृषभसेना के स्नान का जल जब उग्रसेन राजा को भी दिया गया तब राजा भी उस पर मंत्रमुग्ध हो गया और उसने वृषभसेना के साथ विवाह किया। आगे कुछ ऐसी घटना हुई जिससे राजा ने बिना सोचे ही रानी वृषभसेना पर शील का आरोप लगाया और उसे मृत्युदंड की शिक्षा दी। लेकिन ऐसा क्या हुआ कि वह मरते मरते बच गई ऐसी रोमांचकारी, रहस्यपूर्ण, ज्ञानवर्धक धर्मकथा जरूर देखें एवं आगे फॉरवर्ड करें।

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