Premium Only Content

Shree Vishwamitra ji Maharaj
*29 जुलाई परम पूजनीय श्री प्रेम जी महाराज जी के निर्वाण दिवस के उपलक्ष्य में ।*
परम पूज्य डॉक्टर श्री विश्वामित्र जी महाराज जी के मुखारविंद से
परम पूजनीय श्री प्रेम जी महाराज जी के निर्वाण दिवस पर।
धुन :
नमो नमः श्री राम तुझको नमो नमः
नमो नमः नमो नमः नमो नमः नमो नमः ।।
नमो नमः श्री राम तुझको नमो नमः
नमो नमः नमो नमः नमो नमः
नमो नमः नमो नमः नमो नमः ।।
नमो नमः महाराज तुमको नमो नमः
नमो नमः नमो नमः नमो नमः ।।
नमो नमः गुरुदेव तुमको नमो नम
*संत, गुरु मरा नहीं करते उनका शरीर मर जाता है उनकी गुरुता तो शाश्वत है वह नहीं मरा करती । पूज्य श्री प्रेम जी महाराज का परिचय है उन महात्मा का अपना जीवन । उनका असली नाम “प्रेम मूर्ति श्री प्रेम जी महाराज” । प्रेम तो भक्तजनों निराकार होता है उसका साकार रूप है सेवा । सेवा सदन प्रेम जी महाराज, सेवा की मूर्ति पूज्य श्री प्रेम जी महाराज । जिसने सेवा करनी होती है साधक जनों उसके अंदर विनम्रता भी होती है अन्यथा सेवक नहीं बन पाएगा । वह सब से प्रेम करने वाला भी होता है पक्षपाती सेवक नहीं कहा सकता । वह क्षमावान भी होगा छोटी-छोटी बात पर गुस्सा करने लग जाए तो वह सेवा क्या कर सकेगा ? क्षमा सिंधु होता है वह, क्षमा का सागर होता है वह । सहनशील भी, क्षमावान भी, अतिशय विनम्र भी । इन तीनों को मिलाकर तो बनते है श्री प्रेम मूर्ति प्रेम जी महाराज ।*
*साधकजनो पूज्य श्री महाराज ने अपने जीवन में कोई पुस्तक नहीं लिखी । आप सच समझे सच माने तो उनका जीवन ही उनकी रचना है उनका जीवन ही पुस्तक है । जो कुछ उन्होंने अपने जीवन में उतारा उससे अधिक प्रवचनों में कहा नहीं । आप कहो कागज की लेखी मैं कहूं आंख की देखी । जो महाराज श्री ने अपने जीवन में उतारा वही प्रवचनों में कहा जो जीवन में उतार नहीं सके वह वह बोले नहीं । यह कोई छोटी बात नहीं है उनका अपना जीवन ही उनका परिचय है । जिंदगी भर कभी आगे होकर नहीं बैठे । साधना सत्संगों में जो हाल के बाहर पायदान होते हैं वहां बैठा करते रात्रि को स्वामी जी महाराज के कमरे के आगे बैठा करते । मात्र बैठा नहीं करते, सोया नहीं करते, ऊंघा नहीं करते अपना सिर, अपना मस्तक उनके कमरे की दहलीज पर लगाकर रखते । ऐसी गुरु भक्ति, ऐसी अद्वितीय विनम्रता, सहनशीलता, क्षमा किसी अन्य महात्मा में देखने को नहीं मिलती । आगे होने का शौक ही नहीं था*
*अपने आपको इतना छुपा कर रखा इतना पीछे करके रखा । पूज्य पाद स्वामी जी महाराज ने बाबा ने ऐसे हीरे को पहचाना । सदा पीछे बैठने वाले को इस प्रकार से आगे कर दिया की युगो - युगांतरो तक कोई इन महात्मा को प्रेम जी महाराज को अब पीछे नहीं कर सकेगा । कैसा कुल है हमारा साधक जनों किस उच्च परिवार के सदस्य हैं हम कुछ ना कुछ तो साधक जनों इनके जीवन से हमें अपने जीवन में उतारना चाहिए है ना बेटा, युवक लोगों उतारना चाहिए ना यह हमारे जीवन में ? कुछ ना कुछ आना चाहिए तभी कुल आगे चल पाएगा ।*
पूज्य श्री महाराज मैं तो यूं समझता हूं अपने जीवन का परिचय दिया करते एक दृष्टांत के माध्यम से । यह दृष्टांत वह प्राय: सुनाया करते आप सब ने सुन रखा होगा याद भी होगा आपको पर आज सुनाएं बिना रुका नहीं जा सकता । गोस्वामी तुलसीदास के वक्त की बात है उन्हीं की बात है उनकी बढ़ती हुई ख्याति को देख कर उस वक्त के संत महात्मा बड़े प्रसिद्ध संत नाभादास हुए हैं ईर्ष्यालु हो गए । गोस्वामी जी के दर्शन करने के लिए गए गोस्वामी जी उस वक्त ध्यानस्थ थे ध्यान नहीं दिया । संत नाभादास ने बहुत बुरा माना अपना अपमान समझा । जिसको मान की चाह है वह संत तो नहीं हो सकता । याद रखोगे ना इस बात को जिस को मान की चाह है प्रशंसा की चाह है बेटा वह सामान्य व्यक्ति तो हो सकता है लेकिन संत नहीं हो सकता । यहां संतो की बात महाराज श्री अपने मुखारविंद से सुना रहे हैं । आग बबूला होकर नाभादास वापस चले गए हैं मैं बदला लूंगा इन को नीचा दिखाऊंगा । कुछ दिनों के बाद अपने आश्रम में एक भंडारे का आयोजन किया सब इलाके के संत महात्मा बुलाए जाते हैं गोस्वामी तुलसीदास को निमंत्रण नहीं दिया । आज भंडारे का दिन है संत महात्मा, साधु लोग गोस्वामी जी की कुटिया के आगे से निकलते हुए पूछते जाते हैं गोस्वामी जी आप अभी तक यहां ? भंडारा है नाभादास जी के यहां आप पहुंचे नहीं अभी तक ? मुस्कुरा कर कहते आप चलो मैं आता हूं ।
सोच विचार की, मन में निर्णय लिया मुझे भंडारे पर जाना चाहिए बेशक आमंत्रित नहीं हूं फिर भी मुझे जाना चाहिए । निमंत्रण तो पार्टियों में भेजा जाता है सत्संगति के लिए तो कोई निमंत्रण नहीं होता यह तुलसीदास जी की धारणा है । संत के घर जाना है सत्संगति के लिए जाना है उस के लिए निमंत्रण की आवश्यकता नहीं है । तुलसीदास जी चले गए हैं जाकर भंडारा शुरू हो चुका हुआ था लेट पहुंचे हैं बाहर जो संतों महात्माओं की जूतियां चप्पले इत्यादि पड़ी हुई थी उन्हीं में बैठ गए । भीतर भंडारा हो रहा था । पत्तले आगे रखी हुई थी परोसने वाले शिष्य लोग नाभादास जी के परोस रहे थे भोजन । बाहर बैठे तुलसीदास को किसी ने देखा भी नहीं ।
वह शिष्य जो गरम-गरम खीर परोस रहा था उसकी दृष्टि पड़ी कि एक कोई संत बाहर बैठे हुए हैं तो वह तो प्रसाद होता है सबको दिया जाता है वह इनके पास भी गया कहा : प्रसाद ले लो तो इन्होंने अपने हाथ इस प्रकार से कर दिए कहा बहुत गर्म है हाथ जल जाएंगे कहां डालूं तेरे पास तो पत्तल भी नहीं है । तुलसीदास ने कहा हां पत्तल नहीं है वहीं से एक जूतियों का जोड़ा उठाया और वह आगे कर दिया कहा इसमें डाल दीजिएगा उस जूते में । वह शिष्य वहीं रुक गया है very interesting क्या किया है इसने वह उस जूते को इस प्रकार से हिला रहे हैं मानो किसी चीज के साथ मिला रहे हैं और मिलाकर उसमें से निकाल कर अपने मुख में एक ही ग्रास लिया तब तक खीर ठंडी भी हो गई थी एक ग्रास लिया दूसरा डालने लगे वह सारे का सारा प्रसाद शिष्य छोड़कर तो उन महंत जी के पास संत जी के पास गया है कहा : बाहर चलो कोई बहुत उच्च कोटि का महात्मा आया है कोई बहुत सच्चा संत कोई बाहर आया हुआ है ।
नाभादास के मन में ठंनक गई हो ना हो यह गोस्वामी ही हैं जाकर देखा तुलसीदास उस जूते में से प्रसाद खा रहे हैं । राम-राम हुई तुलसीदास ने उठकर महात्मा को प्रणाम किया मानो बता रहे हो उस दिन मैंने देखा होता तो शायद आपके चरणों में वंदना की होती मेरी भूल नहीं है । नाभादास उन्हें उठाकर इस प्रकार से पकड़ कर अंदर ले गए कहा आए हो तो कुछ देकर जाओ । गोस्वामी तुलसीदास कहते हैं नाभादास मैं इस योग्य नहीं कि मैं इस संगत को कुछ दे सकूं मेरे पास देने को कुछ नहीं । कोई बात नहीं आप बैठो मैं कुछ पूछता जाता हूं आप मेरी बातों का उत्तर देते जाओ वही उपदेश हमारे लिए पर्याप्त होगा ।
तुलसीदास पहला प्रश्न पूछते हैं : जब निमंत्रण नहीं था तो आए क्यों ? कहा संत के घर जाने के लिए निमंत्रण की आवश्यकता नहीं हुआ करती यही सोच कर मैं आ गया । फिर भीतर क्यों नहीं आए ? इसलिए नाभादास जी बुलाया हुआ नहीं था सोचा बाहर ही बैठना ठीक और फिर ऐसा स्थान किसी को जिंदगी में बैठने का कब मिलेगा संतों महात्माओं की जूतियों में बैठने का जैसा स्थान किसी को कब मिलेगा मैंने सोचा यह सुनहरी अवसर है मैं इसको avail करना चाहता था इसलिए वहीं बैठ गया । यह प्रसाद जूती में डलवा कर तो ऐसे ऐसे क्या कर रहे थे और फिर उसमें से क्यों ले रहे थे ?
कहने लगे नाभादास जी मैंने सुना है संतों महात्माओं की चरण धूलि माथे पर लगाने से, सिर पर धारण करने से व्यक्ति की बुद्धि पवित्र हो जाती है । अपने हृदय पर लगाता हुआ व्यक्ति संतो महात्माओं की चरण धूलि को यहां लगा कर सिर पर रखता है तो उसके मन, हृदय, बुद्धि सब पवित्र होते हैं उनका शुद्धिकरण होता है मैंने सोचा तुलसी जैसा व्यक्ति जो भीतर बाहर से मलिन है भीतर से भी गंदा है बाहर से भी जो गंदा है बाहर से तो उसको चरण धूलि संतो को मिल जाती है सबको मिल जाती है आज मुझे परमात्मा ने मौका दिया है की उनकी चरण धूलि मिश्रित करके किसी में तो मैं उसे अंदर ले सकूं ताकि मेरा अंतःकरण भी, मेरा भीतर भी पवित्र हो जाए । साधकजनों यह दृष्टांत पूज्य श्री प्रेम जी महाराज प्राय: सुनाया करते मुझे ऐसा लगता यह उनके अपने जीवन का परिचय हैं उनका अपना जीवन बिल्कुल इसी प्रकार का था । शत शत नमन है महाराजधिराज आपके श्री चरणों में ।
आज मांगलिक दिवस है संत महात्माओं का मरण मांगलिक होता है उनके जीवन से बेटा सीखना चाहिए क्या किया है इन्होंने जिंदगी में इन्होंने अपना मरण अपनी मृत्यु को मंगलमय बना लिया है । संत महात्मा अपनी मृत्यु को मंगलमय बना कर जाते हैं महाराजधिराज कुछ तो दीजिएगा हमें कुछ तो हमारी झोली में डालिएगा । इतने गुणों से संपन्न कोई एक गुण ही हमारी झोली में डालिएगा हमारा जीवन धन्य अति धन्य हो जाएगा । धन्यवाद आप सबका यहीं समाप्त करने की इजाजत दीजिएगा ।
धुन :
नमो नमः श्री राम तुझको नमो नमः
नमो नमः नमो नमः नमो नमः नमो नमः ।।
नमो नमः श्री राम तुझको नमो नमः
नमो नमः नमो नमः नमो नमः
नमो नमः नमो नमः नमो नमः ।।
नमो नमः महाराज तुमको नमो नमः
नमो नमः नमो नमः नमो नमः ।।
नमो नमः गुरुदेव तुमको नमो नम
-
LIVE
Laura Loomer
2 hours agoEP148: Remembering October 7th: Two Years Later
512 watching -
DVR
Flyover Conservatives
22 hours agoWARNING! October 7th Unpacked and Exposed: What REALLY Happened?; GEN Z BACKS HAMAS?! - Hannah Faulkner | FOC Show
14.4K2 -
Barry Cunningham
3 hours agoPRESIDENT TRUMP IS BRINGING THE RECKONING TO THE DEEP STATE!
25.4K25 -
LIVE
Drew Hernandez
2 hours agoCANDACE OWENS LEAKED CHARLIE KIRK MESSAGES CONFIRMED REAL & DEMS PUSH TO TRIGGER CIVIL WAR
1,142 watching -
55:56
Sarah Westall
4 hours agoSuperhuman Hearing of the Matrix: Reality is Different w/ Sharry Edwards
15.7K1 -
LFA TV
1 day agoLIVE & BREAKING NEWS! | TUESDAY 10/7/25
188K50 -
30:00
BEK TV
6 days agoGUT HEALTH AND THE POWER OF KIMCHI WITH KIM BRIGHT ON TRENT ON THE LOOS
113K9 -
33:18
Stephen Gardner
2 hours ago🔥BOMBSHELL: Trump's NEW REPORT Catches Democrats Red-Handed!
17.2K7 -
10:20
Ken LaCorte: Elephants in Rooms
8 hours ago $0.55 earnedWhen does a fetus become a baby?
12.9K4 -
1:40:39
Glenn Greenwald
7 hours agoPam Bondi's Malicious Ineptitude on Full Display During Senate Hearing; Pro-Spying Senators Complain About Being Surveilled; What New Candace/Charlie Kirk Messages Reveal | SYSTEM UPDATE #528
114K106