पटना महावीर मंदिर ।। mahaveer Mandir Patna Bihar

11 months ago
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महावीर मंदिर, पटना शहर में स्थित हनुमान जी को समर्पित सबसे पवित्र हिंदू मंदिरों में से एक है। इस मंदिर की स्थापना मूल रूप से स्वामी बालानंद द्वारा की गई थी जो रामानंदी संप्रदाय के थे। वर्तमान मंदिर का जीर्णोद्धार 30 नवंबर से 4 मार्च 1985 के बीच किया गया था

साल 1730 में स्वामी बालानंद ने पटना जंक्शन के पास महावीर मंदिर की स्थापना की थी. (History Of Mahavir Mandir) रामानंद संप्रदाय से जुड़े संन्यासी साल 1900 तक महावीर मंदिर के मुख्य कर्ता-धर्ता थे. फिर 1948 तक गोसाईं संन्यासियों का महावीर मंदिर पर प्रभुत्व रहा. 1948 में पटना हाईकोर्ट ने इसे सार्वजनिक मंदिर घोषित कर दिया

1947 में भारत के विभाजन के बाद बड़ी संख्या में हिंदू शरणार्थियों के पटना आने से इस मंदिर को लोकप्रियता मिली। इसके बाद, मंदिर को एक कंक्रीट के घर के रूप में फिर से बनाया गया, जिसे 1987 में एक विशाल संगमरमर के मंदिर का निर्माण करने के लिए ध्वस्त कर दिया गया था। इसमें हनुमान जी के अवतार संकट-मोचन की मूर्ति स्थापित है।
Patna News: पटना के महावीर मंदिर में मिलने वाले प्रसाद को खाने से हर तरह की बीमारी ठीक हो जाती है. बताया जाता है इस मंदिर में मिलने वाले लड्डू खाने से कैंसर जैसी गंभीर बीमारी ठीक हो जाती है.

Patna Mahavir Mandir Historical Facts: देश के प्राचीन मंदिरों में से एक है पटना का महावीर मंदिर. ऐसा माना जाता है कि हनुमानगढ़ी के बाद ये एकलौता हनुमान जी का मंदिर है जहां भक्तों की सबसे ज्यादा भीड़ नजर आती है. कहा जाता है कि इसे 80 के दशक में नया रंग-रूप दिया गया था.  ये मंदिर अति प्राचीन माना जाता है. मंदिर की बनावट और चकाचौंध भक्तों को यहां आने पर मजबूर कर देती है. यहां हर दिन बड़ी संख्या में भक्तों का आना जाना लगा रहता है. हालांकि मंगलवार और शनिवार के दिन यहां भक्तों की खासी भीड़ देखी जाती है. इस मंदिर की खास बात है कि यहां बजरंग बली की युग्म मूर्तियां यानि दो मूर्तियां एक साथ हैं.

माना जाता है कि इस मंदिर से मिलने वाले प्रसाद को खाने से हर तरह की बीमारी ठीक हो जाती है. बताया जाता है इस मंदिर में मिलने वाले लड्डू खाने से कैंसर जैसी गंभीर बीमारी ठीक हो जाती है. सिर्फ पटना ही नहीं, देश के कोने कोने से लोग इस मंदिर में दर्शन करने के लिए आते हैं. इतना ही नहीं, यहां हर दिन लाखों रुपये का चढ़ावा भी चढ़ाया जाता है. कहा जाता है कि यहां दर्शन करने से सारी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं. 

1730 में स्वामी बालानंद ने की थी मंदिर की स्थापना

साल 1730 में स्वामी बालानंद ने पटना जंक्शन के पास महावीर मंदिर की स्थापना की थी. (History Of Mahavir Mandir) रामानंद संप्रदाय से जुड़े संन्यासी साल 1900 तक महावीर मंदिर के मुख्य कर्ता-धर्ता थे. फिर 1948 तक गोसाईं संन्यासियों का महावीर मंदिर पर प्रभुत्व रहा. 1948 में पटना हाईकोर्ट ने इसे सार्वजनिक मंदिर घोषित कर दिया. अभी जो मंदिर है, उसका स्वरूप 1983-1985 के बीच आया. इसमें आचार्य किशोर कुणाल के प्रयास काफी सराहनीय है. पटना के पुराने लोग बताते हैं कि पटना जंक्शन के सामने बजरंगबली की मूर्ति की पूजा करने मीठापुर के रहने वाले झूलन पंडित आते थे. अभी जो महावीर मंदिर है, उसके ठीक पीछे अंग्रेजों का मुस्लिम कैंटीन हुआ करता था. मंदिर के पास लोहे का गेट था, जो शाम के बाद बंद हो जाता था, ताकि स्टेशन की ओर कोई न जा सके. उस समय रात में ट्रेन नहीं चला करती थी.

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