A Fool Donkey ! बेवकूफ़ गधा जो बुद्धिमान बन गया..

11 months ago
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Topic:- A Fool Donkey ! बेवकूफ़ गधा जो बुद्धिमान बन गया..

Description:- एक गांव में एक बेवकूफ़ गधा रहता था। वह गांव के सभी लोगों के दिलों में हंसी और मस्ती का एक स्थान रखता था। इस गधे को बुद्धिमानता की कमी थी, और वह हमेशा नासमझ और अजीबोगरीब कार्यों में उलझ जाता था। उसकी हरकतों से लोगों को बहुत मज़ा आता था।

एक दिन, गधा गांव के सबसे पुराने पेड़ के पास चला गया। वहां उसने एक बड़ी और घास भरी मेज पर खड़ा होकर सोचने लगा। वह चाहता था कि उसके दिमाग में जो विचार आ रहे हैं, उन्हें वह पूरी दुनिया को बताए।

गधा खुद को बहुत ही बुद्धिमान समझता था, लेकिन इसके बावजूद वह अपनी नासमझी के कारण लोगों के हंसीपुचक बन गया।

गधा ने गर्मी से खींचते हुए बोला, "हे लोगों, मैं आपको एक खास सूचना देने के लिए यहां आया हूँ। मैंने एक बहुत बड़ा खजाना ढूंढ़ लिया है और मैं आपके साथ इसे बांटने के लिए आया हूँ।"

सभी लोगों ने गधे को उलझते हुए देखा और वे उसकी बात पर हंसने लगे। एक बुजुर्ग आदमी ने उसे पूछा, "अरे गधे, तू खजाने की बात कर रहा है? तू तो अपने घर की भी ख़बर नहीं रखता है। कहाँ है वो खजाना?"

गधा मुँह बनाते हुए बोला, "वो खजाना इस पेड़ के नीचे छिपा हुआ है।"

दौड़ते हुए लोग गधे के पीछे खड़े हो गए। गधा ने गधों के ल

िए बनाए गए एक छोटे से खजाने का इशारा किया और बोला, "यह रहा वो खजाना।"

सभी लोगों ने उसे बड़ी समझदारी से देखा, और वे गधे के मज़े उड़ाने लगे। उन्होंने गधे के साथ मज़ाकिया रूप से खेलना शुरू कर दिया।

गधा अपनी नासमझी से खुश था। वह सोच रहा था कि लोगों की इस खबर के बारे में बाद में पता चलेगा और उन्हें उसकी बुद्धिमानता का एहसास होगा।

परंतु, एक बारीक ब्राह्मण आदमी ने गधे को देखा और दिया, "तू बेवकूफ़ गधा है, यह तो सिर्फ़ एक छोटी सी चीज़ है और तू इसे खजाना समझ रहा है।"

गधा अचानक शर्मिंदा हो गया। वह दूसरों की हंसी और उनके टिप्पणियों का विचार करने लगा। वह अपनी नासमझी के चलते ही लोगों का मज़ाक बन गया था। अब उसे खुद पर शर्म आ रही थी।

गधा ने खुद को बदलने का निर्णय लिया। वह बुद्धिमान बनने और बेवकूफ़ी से मुक्त होने का संकल्प लिया। वह सीखने और अपनी गलतियों से सुधरने के लिए उद्यमी बना।

इस कहानी से हमें यह सबक मिलता है कि हमें आपत्तिजनक टिप्पणियों को नज़रअंदाज़ करके और अपनी बुद्धिमानता को सुधारकर आगे बढ़ना चाहिए। गलतियों से सीखना और सुधारना हमारे व्यक्तित्व का महत्वपूर्ण हिस्सा है और हमें खुद को मज़बूत और समझदार बनाने में मदद करता है।

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