Premium Only Content

Pravachan Shree Vishwamitra ji Maharaj
*अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की हार्दिक बधाई*
*पूज्य श्री महाराज जी के मुख से अष्टांग योग का वर्णन*
((1021))
*जिन प्रेम कियो तिन ही प्रभु पायो*
*जिन प्रेम कियो तिन ही प्रभु पायो*
*जिन प्रेम कियो तिन ही प्रभु पायो*
*जिन प्रेम कियो तिन ही प्रभु पायो*
*श्री भक्ति प्रकाश भाग ५३८*
*महर्षि पतंजलि (अष्टांग योग)*
*आज साधक जनों स्वामी जी महाराज ने नारायण धर्म के अंतर्गत महर्षि पतंजलि के अष्टांग योग का वर्णन शुरु किया है | स्वामी जी महाराज के हस्तलिखित कागजों में पतंजलि योग भी स्वामी जी महाराज ने शुरू किया था लिखना, लेकिन वह अधूरा ही रह गया वह पूरा नहीं कर पाए | 8 अंगों का यह योग स्वामी जी महाराज ने नाम से यदि अधिक नहीं तो कम से कम पांच का वर्णन तो भक्ति प्रकाश में किया ही हुआ है | मानो वह भी मानते थे कि जो महर्षि ने लिखा है जो पालन करने के लिए कहा है वह बहुत महत्वपूर्ण है एक साधक के लिए | चाहे वह नाम का उपासक है, हठयोगी है, ज्ञान योगी है ध्यान योगी है, भक्ति योगी है हर एक के लिए यम नियम का पालन करना ऋषि मुनि अति आवश्यक समझते हैं । नियम है साधना संबंधी नियम पांच यम है पांचो के नियम है । पांच गुण हमें समाज में एक साधु को कैसे रहना चाहिए, समाज के साथ कैसा व्यवहार करना चाहिए उनके अंतर्गत जो पांचो गुण है वह यम के अंतर्गत हैं अपने व्यक्तिगत उत्थान के लिए अपने व्यक्तिगत उद्धार के लिए, आत्मिक प्रगति के लिए कम से कम पांच गुण होने चाहिए वह यम नियम के अंतर्गत हैं | पांच ही गुण यम में है पांच ही पालन करने योग्य तथ्य नियम में है |*
*आसन, प्राणायाम, प्रत्याहार धारणा, ध्यान एवं समाधि यह आठ अंग है अष्टांग योग के पतंजलि जी के | ज्ञान के मार्ग पर चलने वाले योग के मार्ग पर चलने वाले साधकों को तो यह सब कंठस्थ हैं और एक - एक गुण का यथासंभव मन को मार कर एक-एक का पालन करने की चेष्टा करते हैं | सत्य तो यह है इन गुणों को धारण करना, इन गुणों का पालन करना ही उनकी मुख्य साधना है | यम के अंतर्गत आज स्वामी जी महाराज ने पांच गुणों के नाम लिए हैं |*
अहिंसा, सत्य का पालन करना, चोरी नहीं करनी, ब्रह्मचर्य का पालन करना एवं अनावश्यक संचय नहीं करना भौतिक पदार्थों का |
आज एक ही पढ़ा गया है
अहिंसा | बहुत कठिन काम है साधक जनों स्वामी जी महाराज जैसे महान संत भी यह स्वीकार करते हैं इस को परिभाषित करना बहुत कठिन है कि अहिंसा क्या है और हिंसा क्या है ? बहरहाल हमें बहुत Details में जाने की आवश्यकता नहीं हम तो छोटे साधक हैं और छोटे ही बनकर रहना चाहते हैं | यह आत्मिक उन्नति का चिन्ह है कि अपने आप को छोटा मानना और छोटा ही बना कर रखना । बहुत आगे आगे नहीं करना । पीछे पीछे रहना यह भक्ति मार्ग के अनुयाई के चिन्ह हैं। यह आत्मा उत्थान के चिन्ह हैं। साधक परमात्मा की ओर जितना आगे बढ़ता जाता है, उतना वह छोटा होता जाता है ।उतना अपने आपको वह छोटा समझने लग जाता है | उसका Ego उतना ही shrink होने लग जाता है बहुत दुबला पतला पड़ जाता है वह | मानो यह अहंकार रूपी रोग, महारोग बहुत मामूली सी पीड़ा जैसा रह जाता है मामूली सा दुख देने जैसा रह जाता है या मामूली सा रोग रह जाता है | वह अपनी साधना से, परमेश्वर कृपा से इस रोग से रहित हो जाता है | किसी को साधक जनों अपने रहित अपने को छोड़कर किसी को बुरा ना समझना, किसी का बुरा ना सोचना, ना किसी के लिए बुरा बोलना, ना ही किसी का बुरा करना यह अहिंसा के अंतर्गत हैं ना ही किसी को बुरा समझना ,ना ही किसी का बुरा सोचना, ना ही किसी को बुरा कहना और ना ही किसी का बुरा करना । यह बातें यदि हमारे जीवन में उतर जाए तो हम अहिंसा रूपी परम धर्म का पालन कर रहे हैं | बाकी सब बातें साधक जनों बहुत बड़ी-बड़ी हैं | स्वामी जी महाराज ने लिखी है लेकिन यही कहा कि बहुत कठिन है इसे समझना कि अहिंसा क्या है, और हिंसा क्या है । इस संसार में रहते हुए अतएव जो सार समझ में आया वह यही है कि किसी को बुरा समझना नहीं, किसी का अनिष्ट सोचना नहीं, किसी को अनिष्ट कुछ कहना नहीं और किसी का अनिष्ट करना नहीं यह अहिंसा के अंतर्गत ही है इतना अच्छी तरह से पालन हो जाए साधक जनों तो अति सुंदर है |
सत्य की महिमा तो आप सब जानते ही हो यदि अहिंसा परम धर्म है तो सत्य भी ऐसा ही है | सत्य ही ईश्वर है ऐसा स्वामी जी महाराज ने भी लिखा है, प्रभु राम ने भी कहा है, सत्य ही ईश्वर है | सत्य का पालन करना साधक जनो बहुत उच्च बात है | यह भी जानना हमारे लिए बहुत कठिन बात है परिभाषित करना इसे भी बहुत कठिन है । साधक जनो जितना हम से हो सके उतना हमें करना चाहिए |
एक राजा के पास मैंना थी सोने के पिंजरे में बंद मेवा इत्यादि रोज उसे खाने को मिलता है । बहुत अच्छा खाने को मिलता है ।इतनी सुख सुविधा होने के बावजूद भी वह मैंना बहुत प्रसन्न तो नहीं | वह पिंजरे में बंद नहीं रहना चाहती | हम भी पिंजरे में बंद नहीं रहना चाहते इस पिंजरे में बंद है तो बंधे हुए हैं | इस पिंजरे से निकलना ही चाहते हैं, देह रूपी पिंजरे से, संसार रूपी पिंजरे से निकलना चाहते हैं इस ही मुक्ति कहा जाता है, इसे ही मोक्ष कहा जाता है | मैंना भी यही चाहती है बंधन पसंद नहीं, मजबूरी है किसी को भी पसंद नहीं ना हमें पसंद है, ना पशु पंछियों को पसंद है हर एक को परमात्मा ने बहुत independent स्वतंत्र बनाया है और वह ऐसा ही जीवन व्यतीत करना चाहता है |
मजबूरियां हैं, कमजोरियां हैं उनके कारण हम बंध जाते हैं | पंछी बंध जाता है पशु भी साथ परमात्मा ने पेट दे दिया है उसके लालन-पालन के लिए पशु पंछी को भी बंधन में पड़ना पड़ता है और मानव को भी बंधन में पड़ना पड़ता है । मजबूरी है कमजोरी बहरहाल चाहता कोई नहीं इन सब के बावजूद भी हर कोई चाहता है कि हमें मुक्त होना है | मैंना भी तो प्रसन्न नहीं किसी संत महात्मा से सुन लिया मैना ने सत्य बोलने वाला व्यक्ति मुक्त होकर रहेगा बात पल्ले बांध ली अब मुझे कहीं से सत्य बोलने का अवसर मिले तो मेरा कल्याण हो।
राजा साहब को कोई व्यक्ति मिलने के लिए आए हैं राजा साहब उनसे मिलना नहीं चाहते तो मैंना का पिंजरा गेट पर ही है मैंना को कहते हैं मैंना इन्हें बोल दो राजा साहब ने कहा है कि राजा साहब घर पर नहीं है | याद कर लिया व्यक्ति जैसे ही आया जैसा सुना था वैसे का वैसा ही मैंना ने कह दिया राजा साहब ने कहा है मेरी तरफ से कह दो कि राजा साहिब घर पर नहीं है | शाबाशी देने की बजाय क्रुद्ध हुए हुक्म दिया इस मैंना को इस पिंजरे यहां से मेरे घर से निकाल दिया जाए मेरे महल से निकाल दिया जाए | पिंजरा खोला मैंना उड़ गई वाह ! किसी पेड़ पर बैठकर तो घोषणा करती है जिंदगी में एक बार सत्य मिला तो पिंजरे से मुक्ति मिली जो कोई जीवन भर सत्य बोलेगा उसे मोक्ष मिलकर रहेगा मैंना कहती है मैं लिख कर देती हूं | मैंने जिंदगी में एक बार सत्य का पालन किया है और तत्काल मैं पिंजरे से मुक्त हो गई | यह मेरे सत्य बोलने का प्रताप है |
ऐसे ही साधक जनों सत्य पालन पर अनेक छोटी-छोटी कहानियां हैं जो हमें प्रेरणा देती हैं, हमें प्रेरित करती हैं अधिक से अधिक जितना हो सके संसार है साधक जनों हमारी बहुत कमजोरियां हैं , हमारी बहुत मजबूरियां हैं और परमात्मा इस बात को जानता है | बहरहाल जो इन कमजोरियों इन मजबूरियों को लांघ जाता है वह तो पार है ही है | उसके लिए उसके उद्धार के लिए परमात्मा को भी कोई बहुत यत्न नहीं करना पड़ता | यत्न तो हमारे जैसे निकम्मों के लिए करना पड़ता है जो जगह जगह पर अपनी मजबूरी, अपनी कमजोरी के कारण गिर जाते हैं | गृहस्थ के लिए, एक संसारी के लिए साधक जनों कोई और विकल्प है नहीं जगह जगह पर उसे झूठ बोलना पड़ता है छुपाना पड़ता है और यहां यह सब कुछ कहा हुआ है की छुपाना भी एक चोरी है तो आदमी क्या करें ।
बहुत कठिन काम है एक संसारी के लिए ऐसा जीवन यापन जैसा कि महर्षि पतंजलि ने लिखा है स्वामी जी महाराज ने लिखा है महर्षि पतंजलि ने जो लिखा लिखा पर क्योंकि स्वामी जी महाराज ने लिखा है इसको भक्ति प्रकाश में Include किया है तो हमारा कर्तव्य बनता है की यथा संभव ही नहीं हमारा भरसक प्रयत्न होना चाहिए कि जो गुण स्वामी जी महाराज ने वर्णन किए हैं उनको जीवन में उतारना चाहिए उनका अनुपालन करना चाहिए | स्वामी जी महाराज ने थोड़ी थोड़ी जगहो पर स्पष्ट भी किया है, यदि एक गृहस्थ को ब्रह्मचर्य का पालन करना है तो स्वामी जी महाराज एक गृहस्थ ब्रह्मचारी को कैसे परिभाषित किया जाता है उसकी भी परिभाषा लिखते हैं । स्पष्ट करते हैं ऐसा गृहस्थ जो है वह ब्रह्मचारी ही कहलाने योग्य हैं | सब चीज स्वामी जी महाराज ने मानो वह हमारी कठिनाइयों को, एक गृहस्थ की कठिनाइयों को भलीभांति जानते हुए स्पष्टीकरण किया हुआ है ताकि हम उसका अनुपालन कर सके और उनसे लाभ ले सके |
तो यहीं समाप्त करने की इजाजत दीजिएगा ! इस महान पर्व पर साधक जनों आज फिर आपको बहुत-बहुत बधाई देता हूं । मैं तो कल सुबह प्रस्थान करूंगा तो सारे ही उत्सव आज का छोड़ के सारे ही उत्सव मेरे बाद में होंगे तो आज आप सबको बहुत-बहुत शुभकामनाएं मंगलकामनाएं बधाई देता हूं |
-
1:55:35
Turning Point USA
5 hours agoTPUSA Presents This is The Turning Point Tour LIVE with Vivek Ramaswamy!
38.5K19 -
2:42:55
Laura Loomer
5 hours agoEP148: Remembering October 7th: Two Years Later
27.4K10 -
1:35:59
Flyover Conservatives
1 day agoWARNING! October 7th Unpacked and Exposed: What REALLY Happened?; GEN Z BACKS HAMAS?! - Hannah Faulkner | FOC Show
43.5K6 -
2:46:11
Barry Cunningham
6 hours agoPRESIDENT TRUMP IS BRINGING THE RECKONING TO THE DEEP STATE!
54.7K38 -
LIVE
Drew Hernandez
4 hours agoCANDACE OWENS LEAKED CHARLIE KIRK MESSAGES CONFIRMED REAL & DEMS PUSH TO TRIGGER CIVIL WAR
780 watching -
55:56
Sarah Westall
6 hours agoSuperhuman Hearing of the Matrix: Reality is Different w/ Sharry Edwards
32.3K4 -
13:09:31
LFA TV
1 day agoLIVE & BREAKING NEWS! | TUESDAY 10/7/25
206K50 -
30:00
BEK TV
6 days agoGUT HEALTH AND THE POWER OF KIMCHI WITH KIM BRIGHT ON TRENT ON THE LOOS
125K9 -
33:18
Stephen Gardner
5 hours ago🔥BOMBSHELL: Trump's NEW REPORT Catches Democrats Red-Handed!
28.5K10 -
10:20
Ken LaCorte: Elephants in Rooms
10 hours ago $1.11 earnedWhen does a fetus become a baby?
19.4K7