Pravachan Shree Vishwamitra ji Maharaj

2 years ago
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आत्मिक भावनाओं की चर्चा चल रही है साधक जनों। ग्यारह हो गई हैं । एक ही बाकी रह गई है । स्वामी जी महाराज हमारे सदस्वरूप का वर्णन कर रहे हैं । हम वास्तव में क्या है ? देह नहीं, इंद्रिया नहीं, मन नहीं, बुद्धि नहीं, प्राण नहीं । हम उस सच्चिदानंद घन परमात्मा के अंश हैं, यह याद दिलाने के लिए ही आत्मिक भावनाओं की चर्चा चल रही है ।सुख की चर्चा के अंतर्गत, सुख के लिए आप जी से अर्ज की गई थी, यह किसी वस्तु से

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