Premium Only Content
Pravachan Shree Vishwamitra ji
परम पूज्य डॉक्टर विश्वामित्र जी महाराज जी के मुखारविंद से
((1009))
*श्री भक्ति प्रकाश भाग ५२६(526)*
*आत्मिक भावनाएं*
*सुख*
*भाग-५*
सुख साधक जनों यह कहां से आएगा ? आत्मिक भावनाएं जो स्वामी जी महाराज ले रहे हैं, कह रहे हैं
सुखस्वरूप है आत्मा,
शांत स्वरूप है आत्मा,
सत्य स्वरूप है आत्मा,
पवित्र स्वरूप है आत्मा । यह सब भावनाएं स्वामी जी महाराज क्यों बता रहे हैं । मानो हमारी दृष्टि को वहां से हटा कर तो भीतर केंद्रित करने के लिए, अपनी आत्मा पर केंद्रित करने के लिए, परमात्मा पर केंद्रित करने के लिए सुख, शांति, पवित्रता, शक्ति, आनंद आदि के स्रोत पर अपनी दृष्टि केंद्रित, अपनी भावनाओं को जोड़ने के लिए ही यह सारी की सारी आत्मिक भावनाएं ली जा रही हैं ।
क्यों ?
सभी संत महात्मा जानते हैं, संभवतया आप भी जानते हो जहां हम भटक रहे हैं वहां तो सुख की परछाई है । वहां सुख वास्तविक नहीं है । कभी हाथ नहीं आएगा ।
सुख ढूंढते-ढूंढते जिंदगी बीत जाएगी, हाथ में कीचड़ ही आएगा । जैसे डुबकी लगाने वालों को हार तो हाथ में नहीं आ रहा था लेकिन कीचड़ हाथ में आ रहा था । हाथ गंदे करके तो वह निकलते थे । यही हमारा हाल है । हम विश्व में सुख ढूंढते-ढूंढते अपनी जिंदगी को बर्बाद कर देते हैं । अंदर बिल्कुल खोखला हो जाता है । अंदर ताकत नहीं रहती । आदमी के अंदर ऊर्जा नहीं रहती । मुंह काला होता है । काला मुंह लेकर ही आदमी परमात्मा के दरबार में अंतत: जाता है । मानो मैं मुंह दिखाने योग्य नहीं ।
यही समझता रहा जीवन,
जायदाद इकट्ठी करने के लिए है, धन इकट्ठा करने के लिए है, इन्हीं से सुख मुझे मिलेगा। जिंदगी भर इन्हें ही इकट्ठी करता रहा । जिंदगी विद्या उपार्जन के लिए हैं । डॉक्टर बना, इंजीनियर बना, नेता बना, Election जीते इत्यादि इत्यादि । किसी ने किसी प्रकार की जिंदगी व्यतीत की, किसी ने किसी प्रकार की जिंदगी व्यतीत की । लेकिन असली जिंदगी किसी विरले ने व्यतीत की । वास्तविक जीवन किसी विरले ने ।
एक राजा किसी दूसरे राजा के साथ युद्ध के लिए गए । ललकारा जीत गए । जो राजा पराजित हुआ, हारा, सारी की सारी संपत्ति जो कुछ भी था उसके पास, उसका हड़प कर लिया । Naturally वह सब उसी का हो जाता है जो जीतता है । कहां लेकर जाएगा जो किसी दूसरे राज्य से आया हुआ है। राज्य को उठाकर ले जाना तो बहुत मुश्किल । हां, उसके पैसे उठाए जा सकते हैं । जो कुछ जेवर इत्यादि, आभूषण इत्यादि, उठाए जा सकते हैं । लेकिन राज्य को, सारे के सारे को आदमी कहां उठाकर लेकर जाए ।
पूछा -जिस राजा की मृत्यु हुई है, मार दिया उस राजा को, पूछा क्या इसका कोई अपना है । ताकि अपने हाथों से उसको यह राज्य सौप जाऊं। कहा -हां एक इकलौता पुत्र है। पर वह साधु हो गया हुआ है । उसे राज्य इत्यादि से कोई भी सरोकार नहीं है ।
He is not at all interested in this wealth. Message भेजा राजा ने बुलाया है । इंकार कर दिया आने से । मुझे राजा से कोई काम नहीं है । सुनकर चकित । जीते हुए राजा, उस राजकुमार, साधु राजकुमार, अंगराज कुमार से मिलने के लिए गया है । और लोग भी साथ होंगे । जाकर राम-राम हुई । कहां बेटा मैं वही हूं जिसने तेरे पिता की हत्या करी है । जिसने आपके राज्य पर जीत हासिल की है । बोल तुम्हें मैं क्या दूं ? मुझे कुछ नहीं चाहिए ।
राज्य दे दूं । नहीं, मैंने कहा ना मुझे कुछ नहीं चाहिए। मेहरबानी करके आप मेरा समय व्यर्थ ना गवाएं । मुझे भजन पाठ करना है, आप मेहरबानी करके लौट जाइएगा । आखिर चाहिए क्या तुम्हें ?
यह साधु राजकुमार कहता है-राजा साहब मुझे ऐसा जीवन चाहिए जिसके साथ मृत्यु नहीं है । मुझे ऐसा सुख चाहिए, जिसके साथ दुख नहीं है । ऐसा सुख चाहिए जो कभी ख़त्म ना हो । अक्षय सुख मुझे चाहिए, परमसुख मुझे चाहिए । मुझे ऐसी संपत्ति चाहिए जिसके साथ विपत्ति ना हो, मुझे ऐसा जीवन जिसमें सुख ही सुख हो, वह जीवन मुझे चाहिए। ऐसा जीवन जिसके साथ वृद्ध अवस्था नहीं जुड़ी हुई, जिसके साथ दुख नहीं जुड़ा हुआ, ऐसा जीवन मुझे चाहिए । यदि है आपके पास, तो यहां रुकिएगा नहीं तो अपना रास्ता नापिएगा । यह सब कुछ तो मेरे पास नहीं है, राजा ने कहा ।
आप मेहरबानी करके मेरा समय ना गवाइए व्यर्थ । आप लौट जाइएगा । जिस के पास यह सब कुछ है, मैं उसी से क्यों ना जुड़ा रहूं । मैं उसके राज्य में क्यों ना प्रवेश करूं । मैं आपके इस नश्वर राज्य को लेकर क्या करूंगा, जहां दुख ही दुख है ।
यदि सुख वाली चीज होती, तो आप यह ना चाहते कि यह राज्य आप मुझे दे दें । अपने पास ही रखते ।
नश्वर,जो कुछ नश्वर है, साधक जनों उन सब चीजों का, एक प्रभु प्रेमी, एक परमात्मा का भक्त, जो उस स्रोत के साथ जुड़ा हुआ है, वह इनका त्याग बिल्कुल वैसे ही करता है, जैसे सुबह सुबह उठकर तो हम मल का त्याग करते हैं, विष्ठा का त्याग करते हैं । उसके लिए यह सब कुछ विष्ठा के समान है । उसके लिए यह सब कुछ मल के समान है । मानो किसी काम की चीज नहीं है ।
कोई उसने असलियत को पकड़ लिया है । उसने इस सत्य को पकड़ लिया हुआ
है, जो शाश्वत है । साधक जनों यहीं समाप्त करने की इजाजत दीजिएगा । जारी रखेंगे इस चर्चा को और आगे, सुख शांति को समझने के लिए । धन्यवाद ।
-
3:40:40
EXPBLESS
4 hours agoWAKE UP WITH BLESS WE GAMIN SON 🫡
4.58K -
2:04:59
LFA TV
1 day agoTHE RUMBLE RUNDOWN LIVE @9AM EST
72.9K23 -
LIVE
MrR4ger
5 hours agoDEMONS VS ANGELS - THE BORNLESS W/ TONYGAMING (LILSHAWTYSTREAM)
56 watching -
1:47:40
Game On!
20 hours ago $20.98 earnedHappy National Tight End Day! NFL Best Bets!
141K7 -
30:48
SouthernbelleReacts
1 day ago $16.37 earnedI Finally Watched Trick ’r Treat… And I’m NOT OKAY 😭🎃 | Halloween Horror Reaction
128K13 -
46:43
WanderingWithWine
11 days ago $20.74 earned5 Dream Homes in Beautiful Tuscany! | Italian Property For Sale
37K11 -
7:23
Danny Rayes
4 days ago $11.73 earnedAI Is Getting Out of Control...
33.2K8 -
13:39
Fit'n Fire
20 hours ago $7.69 earnedKel-Tec RDB Got Even Better?
31.2K3 -
9:02
Advanced Level Diagnostics
7 days ago $7.24 earned2007 Toyota Camry - I Wish They Were All This Simple!
31.8K3 -
4:22
NAG Daily
18 hours agoRUMBLE RUNDOWN – THE RUMBLE COLLAB SHOW EP.1 W/GreenMan Reports
26.7K8